मंडी: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मंडी जिले के उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए नामांकन पत्रों की वीरवार को जांच कर ली गई है. जांच के बाद 78 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं. वहीं, 3 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए हैं. इन 78 उम्मीदवारों में 4 ऐसे भी उम्मीदवार हैं जो सूबे की दो प्रमुख पार्टियों कांग्रेस व बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. दोनों ही पार्टियों के लिए बागी नेता सिरदर्द बन चुके हैं. (Himachal Assembly Election 2022) (Congress and BJP Convincing Rebels leaders) (Scrutiny of Nomination Papers in Mandi)
जिले में कांग्रेस की 1 तो भाजपा की 3 सीटों पर बागी नेता अड़ गए हैं. सबसे ज्यादा डैमेज का खतरा भाजपा को सदर सीट पर बन गया है. यहां से प्रवीण शर्मा भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद गए हैं. भाजपा ने सदर से अनिल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में प्रवीण शर्मा भाजपा व अनिल शर्मा के सामने चुनौती की तरह खड़े हो गए हैं. जानकारी के अनुसार भाजपा द्वारा प्रवीण शर्मा को मनाने की कोशिश जारी है, लेकिन प्रवीण शर्मा अब चुनाव में उतरने का मन बना चुके हैं. बीते 2 दिन पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कार्यक्रम मंडी में था. प्रवीण शर्मा की सीएम से अभी तक मुलाकात नहीं हो पाई .(BJP Convincing Rebels leaders in Mandi) (Rebels leaders in Mandi)
सुंदरनगर विधानसभा सीट पर भी अभिषेक ठाकुर को मनाने में भाजपा अभी तक नाकाम रही है. यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है, जो भाजपा के लिए खतरे की घंटी है. करसोग में भाजपा युवराज कपूर को शांत कराने में कामयाब रही है. यहां से युवराज कपूर ने भाजपा से टिकट ना मिलने पर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया था. करसोग में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं जाकर राजनीतिक समीकरण उभरने से पहले शांत करवा दिया है. वहीं, भाजपा जोगिंदर नगर, सरकाघाट व द्रंग में भी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. इन 3 सीटों पर टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं के साथ पार्टी कार्यकर्ता टिकट आवंटन से खुश नहीं है.
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