करसोग: जयराम सरकार का ड्रीम प्रोग्राम जनमंच अपने ही गृह जिले में पिट गया है. प्रदेश की भाजपा सरकार बेशक जनमंच कार्यक्रमों को अपना मास्टर स्ट्रोक मानती है, लेकिन इन कार्यक्रमों का एक कड़वा सच भी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी की करसोग तहसील के माहूंनाग में पिछले साल 1 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार की अध्यक्षता में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में दूरदराज के गांव मगान से आए लोगों ने अपनी 6 डिमांड रखी थी, लेकिन जनमंच कार्यक्रम को समाप्त हुए एक साल बीतने को आया है, अभी तक लोगों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई है.
मंडी जिला के आखिरी कोने में सतलुज नदी के किनारे बसे इस दूरदराज के गांव में आजादी के 7 दशक बाद भी लोग बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. मगान गांव के ठाकुर सेन वर्मा का कहना है कि हिमाचल सरकार जनमंच कार्यक्रम शुरू कर नया प्रयास किया था. जिसका आयोजन भी अच्छा रहा और हमें लगा कि इससे लोगों के काम आसानी से होंगे. इसको देखते हुए उन्होंने भी मगान गांव की 6 मांगें रखी थीं, जिसमें से अभी तक एक भी पूरी नहीं हुई है.