मंडी के गांधी शिल्पी बाजार में छाए मिट्टी के बर्तन मंडी: एक दौर था जब लोग खाना बनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन समय के साथ धातु से बने बर्तनों का इस्तेमाल होने लगा. धीरे-धीरे इन धातु के बर्तनों का प्रचलन इतना बढ़ गया कि आज हर घर में इन्हीं बर्तनों का इस्तेमाल होता है. वहीं, मिट्टी के बर्तन रसोई घर से गायब होने लगे, लेकिन अब एक बार फिर लोग मिट्टी के बर्तनों की ओर आकर्षित होने लगे हैं. बहुत से लोग हैं जो इन बर्तनों को खरीदकर इनमें खाना बनाना पसंद कर रहे हैं.
मंडी में लगा गांधी शिल्प बाजार मंडी में सजा गांधी शिल्प बाजार:इन दिनों मंडी जिले में शिल्प बाजार सजा हुआ है. जहां मिट्टी के बर्तन आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन दिनों मंडी शहर के पड्डल मैदान में सजे गांधी शिल्प बाजार में आकर लोग जमकर मिट्टी के बर्तनों की खरीददारी कर रहे हैं. इस शिल्प बाजार का आयोजन भारत सरकार के वस्त्र और बुनकर मंत्रालय द्वारा किया गया है. ये मिट्टी के बर्तन बेहद सुंदर कलाकृति से बनाए गए हैं.
मिट्टी के बर्तनों में बनता है पौष्टिक खाना: मेले में मिट्टी के बर्तन बेचने आए हरियाणा निवासी प्रजापति डॉ. केके वर्मा ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से उसकी पौष्टिकता बरकरार रहती है और इससे कब्ज और गैस, जोड़ों के दर्द जैसी समस्या भी नहीं होती. लोग इन बर्तनों को काफी ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं. बेचने के लिए लाए गए सभी मिट्टी के बर्तन पूरी प्रक्रिया के साथ उत्तम दर्जे की मिट्टी से बनाए गए हैं. इसमें काली मिट्टी, लाल मिट्टी, पीली मिट्टी और चिकनी मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे मिट्टी के बर्तन मजबूत हो जाते हैं.
मंडी लोगों को भा रहे मिट्टी के बर्तन 'लौट रहा है पुराना समय': मिट्टी के बर्तन खरीदने आई रचना शर्मा ने बताया कि एक बार फिर पुराना समय लौट के आ रहा है. वे खुद काफी समय से मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कर रही हैं. यह खरीदने में भी किफायती हैं और इसमें खाना बनाने के भी कई लाभ हैं. उन्होंने लोगों से भी मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल करने को कहा. हालांकि मिट्टी के बर्तनों को संभाल कर इस्तेमाल करने की जरूरत होती है, क्योंकि इनके गिरने पर टूटने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है.
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