मंडी:17 दिनों तक उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे रहने के बाद 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इसमें मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के तहत आने वाले बंगोट गांव का विशाल भी शामिल है. जैसे ही विशाल को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला गया तो परिवार की खुशी का कोई ठीकाना नहीं रहा और घर पर पटाखे फोड़कर दीवाली मनाई गई.
दिवाली पर 40 मजदूरों के साथ फंसा था विशाल: गौरतलब है कि विशाल दिवाली की सुबह ही 40 सहयोगियों के साथ टनल में फंस गया था. जिसके चलते परिवार ने दिवाली भी नहीं मनाई थी. घर पर की गई दिवाली की सभी तैयारियां अधूरी रह गई थी, जिन्हें बीती रात को पूरा किया गया. पटाखे फोड़ने के बाद परिजनों ने घर पर डीजे बजाया और सभी लोग विशाल के टनल से सुरक्षित बाहर आने की खुशी पर जमकर डीजे की धुनों पर जमकर थिरके. इस अवसर पर घर पर भजन कीर्तन भी किए गए और भगवान का शुक्रिया भी अदा किया गया.
केंद्र और उत्तराखंड सरकार का जताया आभार:बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी और एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया भी घर पर पहुंचे और परिजनों को मिठाई खिलाकर बधाई दी. विशाल की मां उर्मिला देवी, दादी गवर्धनू देवी, मामा परदमदेव और मामी सुमना देवी सहित सभी परिजनों ने विशाल और अन्य लोगों को टनल से सुरक्षित बाहर निकालने पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार का आभार जताया. साथ ही इस कार्य में दिन रात जुटे लोगों का भी आभार जताया, जिनके प्रयासों से आज विशाल और अन्य लोग सुरक्षित बाहर निकल पाए हैं.
टनल में वापस भेजने पर परिजनों ने किया इनकार:परिजनों ने बताया कि विशाल का घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. साथ ही परिजनों ने अब यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विशाल को अब दोबारा टनल के कार्य पर नहीं भेजा जाएगा. इन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाई है विशाल को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जाए, ताकि उसे राज्य से बाहर कहीं भी न जाना पड़े.