करसोग: हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में गोवंश सेवा के लिए 258 गौ सदन काम कर रहे हैं. जिसमें गोवंश के रखरखाव और चारे के लिए पिछले तीन साल में 37.84 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. ये जानकारी कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में दी है.
गौ सदन निर्माण पर खर्च राशि: कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि हिमाचल में गोवंश बेसहारा सड़कों पर न घूमे, इसके लिए प्रदेश में 258 गौ सदन खोले गए हैं. जिस पर प्रदेश सरकार ने पिछले तीन सालों मेंगोवंश के रखरखाव और चारे पर 37.84 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उन्होंने बताया कि तीन सालों में 15 नवंबर 2023 तक गौ सदन के निर्माण पर 39 करोड़ 16 लाख 30 हजार 245 रुपए की राशि खर्च की गई है. जिसमें पशुओं के रखरखाव और चारे आदि पर ही 37 करोड़ 84 लाख 40 हजार 484 रुपए का खर्च किए गया है.
एक साल में गोवंश पर खर्च राशि: इसी तरह से एक साल में 15 नवंबर 2023 तक प्रदेश सरकार ने 35 लाख 09 हजार 840 रुपए गौ सदनों / गौ अभ्यारण्यों के निर्माण व विस्तार पर खर्च किए हैं. इसके अलावा पशुओं के रखरखाव और चारे आदि पर 16 करोड़ 02 लाख 19 हजार 450 रुपए की राशि खर्च की गई है. कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि नागनी नामक स्थान पर गौ अभ्यारण्य के निर्माण कार्य के लिए 1 करोड़ 17 लाख रुपए की राशि जारी की गई है. यहां पर एक शेड का निर्माण व बाड़-बंदी का कार्य पूरा हो चुका है. इसके अलावा भूसा स्टोर और अन्य निर्माण का कार्य प्रगति पर है.
इस सदन में सबसे अधिक गोवंश: हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा गोवंश निर्वाचन क्षेत्र कुटलैहड़ की गौशाला संत बाबा लाभ सिंह किला आनंदगढ़ आनंदपुर साहिब स्थित भटेडी में हैं. इस सदन में कुल 339 गोवंश है. पशुपालन मंत्री की और से लिखित जानकारी में बताया गया कि 48 कनाल 9 मरला निजी भूमि की करीब 500 गोवंश रखने की क्षमता है.
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