मंडी:देव और मानस के मिलन अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में देव आस्था के अनूठे तौर तरीके देखने को मिलते हैं. महोत्सव की शाही जलेब विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है. इस शाही जलेब का इतिहास बहुत ही पुराना है. रियासतों के दौर से चले आ रहे शिवरात्रि महोत्सव में जलेब में चलने वाले देवताओं का क्रम सदियों पहले ही तय हो गया था.
इसी क्रम में ही देवी देवता जलेब में चलते है. यह पूर्व निर्धारित होता है कि जलेब में कौन से देवता राज देवता माधव राय की पालकी से आगे चलेंगे और कौन देवता पीछे चलेंगे. कुछ ऐसे देवी-देवता भी हैं जो खुद शाही जलेब में शिरकत नहीं करते, लेकिन उनके वजीर जलेब में जाते हैं.
ऐसे ही वरिष्ठ देवता बूढ़ा बिंगल की कहानी ईटीवी भारत आपको बता रहा है. देवता बूढ़ा बिंगल को मंडी नगर के आराध्य देवता बाबा भूतनाथ का अवतार माना जाता है. इनका मंदिर मंडी जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर रुंझ नामक स्थान पर है. देवता के पुजारी सचिन ने कहा कि देवता के भंडार में आज भी ऐसे प्रमाण है जिनसे यह साबित होता है कि देवता को सबसे पहला न्योता मंडी रियासत में शिवरात्रि महोत्सव के लिए मिला था. ये न्योता राजा की तरफ से उन्हें दिया गया था.