सरकाघाट/मंडी: तीन जिलों का संगम स्थल इंडस्ट्रियल एरिया भांबला केवल नाममात्र का ही औद्योगिक क्षेत्र बनकर रह गया है. कई साल बीत जाने के बाद भी भांबला में कोई बड़ा उद्योग नहीं लग पाया और तीन जिलों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाया.
सरकारों ने भांबला में हमेशा ही बड़े उद्योग लगाने के दावे किए, लेकिन सभी दावे खोखले ही साबित हुए हैं. यहां छोटे-छोटे उद्योग भी बड़ी मुश्किल से चल पा रहे हैं. इनमें भी युवाओं को नाममात्र रोजगार ही मिल पाता है और वह भी अस्थायी तौर पर मिलता है.
सरकार की इस अनदेखी से स्थानीय लोगों में भारी रोष है. लोगों का कहना है कि चुनाव के समय ही नेताओं को भांबला की याद आती है और बाद में भूल जाते हैं. लोगों का आरोप है कि इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास होना तो दूर की बात है.
यहां के प्लॉट पर कई लोग अपनी निजी दुकानें और मकान बनाकर रहते हैं. लोगों का कहना है कि यहां पर कोई बड़ा उद्योग लगाने से 3 जिलों के बेरोजगार लोगों को फायदा मिलेगा. अगर यहां उद्योग लग जाते हैं तो इससे हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी के युवा लाभान्वित होंगे.
राष्ट्रीय किसान संगठन बलद्वाड़ा के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार भांबला में उद्योगों के लिए बांटे गए प्लॉटों का प्रयोग ठीक से हो रहा है या नहीं यह जानना चाहिए. कई प्लॉटों पर निजी मकान और दुकानें चल रही हैं. उन्होंने संबंधित विभाग और सरकार से उचित जांच की मांग उठाई है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग स्थापित किया जाए.
शिकायतें आने पर की कार्रवाईः जीएम
जीएम इंडस्ट्री मंडी ओपी जरियाल का कहना है कि प्लॉटों का उचित प्रयोग नहीं होने के संबंध में शिकायतें आने के बाद कार्रवाई की गई है. ऐसे उद्योग मालिकों को नोटिस जारी करने के बाद तीन केस कोर्ट में चले हुए हैं. दो केस सरकाघाट कोर्ट में और एक केस हाईकोर्ट में चला हुआ है.