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बाबा भूतनाथ के दर पर हुआ भरमौर के ऐतिहासिक चौरासी मंदिर का दर्शन, अबतक चढ़ाया गया 1 क्विंटल मक्खन - मंडी

शिवलिंग पर मक्खन से चौरासी मंदिर के स्वरूप को उकेरा गया है. 1400 सौ साल पुराना है मंदिर का इतिहास. 24 दिनों में करीब 1 क्विंटल मक्खन चढ़ाया जा चुका है. हर दिन मक्खन चढ़ाए जाने से शिवलिंग की ऊंचाई करीब 3 फिट हो गई है.

बाबा भूतनाथ के दर पर हुआ चौरासी मंदिर का दर्शन

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Published : Feb 26, 2019, 5:49 PM IST

मंडी: छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर में मंगलवार को भरमौर के ऐतिहासिक चौरासी मंदिर के दर्शन हुए. मंदिर के कपाट खुलते ही बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लग गई. शिवलिंग पर मक्खन से चौरासी मंदिर के स्वरूप को उकेरा गया है.

बाबा भूतनाथ के दर पर हुआ चौरासी मंदिर का दर्शन

बता दें कि तारारात्री यानि बीते 3 फरवरी से शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले घृतकम्बल (मक्खन) से रोजाना बाबा के विभिन्न रूप उकेरे गए हैं. 24 दिनों में करीब 1 क्विंटल मक्खन चढ़ाया जा चुका है. आगामी सात दिनों में 50 किलो और मक्खन चढ़ाए जाने की उम्मीद है. हर दिन मक्खन चढ़ाए जाने से शिवलिंग की ऊंचाई करीब 3 फिट हो गई है.

भूतनाथ मंदिर में अबतक देश भर के विभिन्न बाबा के स्वरूपों के दर्शन भक्तों को मिल चुके हैं. बाबा भूतनाथ मंदिर मंडी के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि हर रोज मक्खन से शिवलिंग का श्रृंगार किया जा रहा है. मक्खन चढ़ाने का ये सिलसिला शिवरात्रि तक जारी रहेगा. शिवरात्रि के दिन शिवलिंग से मक्खन हटाकर पानी का घड़ा लगाया जाएगा.

बाबा भूतनाथ के दर पर हुआ चौरासी मंदिर का दर्शन

1400 साल पुराना है चौरासी मंदिर का इतिहास
चौरसी मंदिर भरमौर शहर के केंद्र में स्थित है और लगभग 1400 साल पहले बनाए गए मंदिरों के कारण यहां पर बहुत अधिक धार्मिक महत्व है. इस मंदिर किसने और कब बनाया इस विषय में कोई ठोस प्रमाण नही हैं. लेकिन इस मंदिर के टूटे हुई सीढ़ियों का जीर्णोद्धार चंबा रियासत के राजा मेरू वर्मन ने छठी शताब्दी में कराया था. यह माना जाता है कि जब 84 सिद्ध कुरुक्षेत्र से आए थे, जो लोग मन्नमाशेद की यात्रा के लिए भरमौर से गुजर रहे थे, तो वे भरमौर की शांति से प्रभावित हो गए.

चौरासी मंदिर परिसर से जुड़ा एक और किसा है ऐसा माना जाता है कि साहिल वर्मन के ब्रह्मपुरा (प्राचीन भरमौर का नाम) के प्रवेश के कुछ समय बाद, 84 योगियों ने इस जगह का दौरा किया. वे राजा की आतिथ्य से बहुत प्रसन्न थे राजा के कोई भी संतान नहीं थी, तब योगियों ने राजन को वरदान दिया की उसके यहां 10 पुत्रों का जन्म होगा. कुछ सालों बाद राजा के घर दस बेटों और एक बेटी ने जन्म लिया. ये भी कहा जाता है कि भरमौर का 84 मंदिर उन 84 योगियों को समर्पित किया गया था, और उसके बाद से ये मंदिर चौरासी के नाम मशहूर हो गया. चौरासी मंदिर परिसर में 84 बड़े और छोटे मंदिर हैं.

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