सुंदरनगर/मंडी:जिला मंडी में एक नन्हा बालक अपने लिए कम और बेसहारा पशुओं के बारे में ज्यादा सोचता है. बेसहारा पशुओं से इस नन्हें से बालक की दोस्ती कुछ ऐसी हो गई है कि अब बेसहारा पशुओं ने इसके घर आना शुरू कर दिया है. यह कहानी एक नन्हें बालक की बेसहारा पशुओं के साथ फ्रेंडशिप की है.
आज के दौर में जब पशु इंसान के काम का नहीं रहता तो लोग उसे सड़कों पर आवारा छोड़ देते है. सड़कों पर छोड़े बेसहारा पशुओं का सहारा बन रहा है सुंदरनगर का 12 साल का आर्यन. सुंदरनगर शहर में एमएलएसएम कॉलेज के पास रहने वाला आर्यन ठाकुर बेसहारा पशुओं के साथ दोस्ती करने में माहिर हैं. आर्यन के पिता राजेश ठाकुर भी बेसहारा पशुओं के साथ काफी लगाव रखते हैं. बेसहारा से पशुओं से दोस्ती की सीख आर्यन को अपने पिता से ही मिली है.
आर्यन रोजाना अपनी साइकिल निकालकर अपने घर के आसपास सभी बेसहारा पशुओं के लिए खाने-पीने का सामान लेकर उनसे मिलने पहुंच जाता है. जितना संभव हो सके आर्यन बेसहारा पशुओ के खाने-पीने का इंतजाम करता है. आर्यन ने अपनी सारी पॉकेट मनी इस काम पर खर्च कर दी है. नतीजा यह है कि आर्यन के घर बेसहारा पशुओं ने खुद ही आना शुरू कर दिया है.