मंडी: हिमाचल प्रदेश के दूसरे सबसे पुराने डिग्री कॉलेज मंडी का भवन निर्माण कार्य पिछले डेढ़ वर्ष से अधर में लटका हुआ है. इसका कार्य फिर से कब शुरू होगा, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है. भवन के बाकी बचे हुए काम को दोबारा शुरू करने की बात पर बजाए आश्वासनों के और कुछ भी नहीं मिल रहा है. प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ काम कर रही कांग्रेस सरकार के पास डिग्री कॉलेज भवन के अधूरे पड़े कार्य को पूरा करवाने के लिए पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और सदर विधायक अनिल शर्मा भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हुआ है.
उच्च शिक्षा निदेशक का आश्वासन:जानकारी के अनुसार इस अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की दरकार है. मंडी जिले के दौरे पर आए उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा भी कॉलेज भवन के बाकी बचे कार्य को जल्द शुरू करने का आश्वासन मात्र दे दिया. दरअसल वीरवार को उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने शिक्षा विभाग, महाविद्यालय प्रबंधन व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ इस बिल्डिंग का निरीक्षण किया और अब तक हो चुके कार्य की जानकारी प्राप्त की.
छत व फिनिशिंग का काम पेंडिग: गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इस भूकंप रोधी पांच मंजिला एकेडमिक भवन के लिए लगभग 26 करोड़ से ज्यादा की धनराशि जारी की थी, लेकिन बाद में भवन को स्टील फेब्रिकेटिड बनाने के लिए दोबारा से एस्टीमेट बनाया गया, जो लगभग 41 करोड़ के करीब है. इस भवन का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ, जिसमें ज्यादातर कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन इतने बड़े भवन में छत डालने और फिनिशिंग का कार्य पूर्व सरकार के समय में ही ठप हो गया था. इसका कारण अतिरिक्त बजट का प्रावधान न हो पाना बताया गया है. अब प्रदेश में नई सरकार है, लेकिन इन डिग्री कॉलेज की बिल्डिंग पर किसी का कोई ध्यान नहीं जा रहा है. जिसके कारण करोड़ों की लगात से बनी यह इमारत अधूरी पड़ी है. जिसे पूरा करने के लिए अभी भी करीब 15 करोड़ की धनराशि की जरूरत है.