शिमला: लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने हिमाचल में इतिहास रच दिया है. चारों सीटों पर करीब साढ़े तीन लाख के मार्जिन से भाजपा प्रत्याशी जीते हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मंडी सीट खूब चर्चाओं में आ गई थी. इस सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आया सुखराम परिवार एक बार फिर पलटी मार कर कांग्रेस में शामिल हो गया था और सुखराम के पोते आश्रय ने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा.
मंडी सीट पर एक टाइम था जब कांग्रेस का दबदबा था और सुखराम और वीरभद्र सिंह यहां से जीतते रहे, लेकिन अब इस सीट पर लगातार दो बार भाजपा जीत चुकी है. इससे पहले भाजपा के महेश्वर सिंह इस सीट से 1989, 1998 और 1999 में जीते थे.
अपने राजनीतिक करियर में इतिहास रचने वाले पंडित सुखराम के लिए ये चुनाव बुरे सपने से कम नहीं रहा. दादा का सपना पूरा करने चुनावी मैदान में उतरे आश्रय शर्मा एक बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं. एक समय था जब मंडी सदर से चुनाव लड़ते हुए वे अजय रहे और 13 बार चुनाव जीता. इसके साथ ही साथ ही उन्होंने लोकसभा के चुनाव भी लड़े और केंद्र में अलग-अलग मंत्री पद पर आसीन हुए. 1984 में सुखराम ने कांग्रेस के टिकट से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत से जीत कर संसद पहुंचे. इसके बाद 1991 और 1996 में भी लोकसभा चुनाव में जीते.