हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

शनिवार विशेष: इस शनि मंदिर में तुलादान करने से शांत होते हैं ग्रह, दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु - shani dev temple in karsog

शनि देव का एक मंदिर करसोग से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर नदी के किनारे स्थित है. यह मंदिर प्राचीन नदी इमला के किनारे पर स्थित होने के नाते ऐतिहासिक महत्व रखता है. यहां पर मंदिर में शनि देव की मूर्ति स्थापित की गई है.

Shani Dev
शनि मंदिर

By

Published : Feb 1, 2020, 12:55 PM IST

मंडी: लोग ग्रहों की शांति और सुख समृद्धि की कामना के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि शनि देवता तुलादान, तेल, तिल, उड़द के चढ़ावे से प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. ऐसा ही शनि देव का एक मंदिर करसोग से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर नदी के किनारे स्थित है.

दूर-दूर से श्रद्धालु तुलादान, तिल, उड़द व तेल चढ़ाने के लिए शनिवार के दिन यहां आते हैं. यह मंदिर प्राचीन नदी इमला के किनारे पर स्थित होने के नाते ऐतिहासिक महत्व रखता है. यहां पर मंदिर में शनि देव की मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं, यहां पर एक शीला भी है. जिस पर तेल चढ़ाते हैं. इस शीला को यहां के ग्रामीण सिंगनापूर की शीला की दृष्टि से देखते हैं.

मंदिर के प्रांगण में एक पीपल का पेड़ भी है. ये पेड़ धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. लोग मनोकामना पूर्ण होने के लिए इस पेड़ की परिक्रमा करते हैं. शनि मंदिर में माघ महीने में विशेष पूजा-अर्चना होती है. दूर दूर से लोग तुलादना करने के लिए शनि मंदिर में आते हैं. काले वस्त्र पहन कर श्रद्धालु अपने ग्रह उतारने के लिए पूजा करते हैं.

पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण कर ग्रह उतारने की रस्म पूरी की जाती है. मंदिर का निर्माण करीब खेमराज शर्मा द्वारा किया गया था. इस के निर्माण कार्य में करसोग के प्रधान हिरालाल गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आज यह मंदिर ऐसी आस्था का केंद्र बन गया है कि यहां पर तुलादान के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. मनोकामना पूर्ण होने के बाद यहां श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.

वीडियो.

ये भी पढे़ं:अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव: निर्माणाधीन संस्कृति सदन में होगी देवी-देवताओं के ठहरने की व्यवस्था

ABOUT THE AUTHOR

...view details