सुंदरनगर/मंडी: कोरोना काल के बीच देखा जा रहा है कि देश के कई राज्यों में रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी पाई जा रही है हिमाचल प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी ना हो इसके लिए समय रहते व्यवस्था की जा रही है, लेकिन निजी कंपनी मौके का फायदा उठाकर बार-बार इंजेक्शन का मूल्य बदल रही है.
ऐसा ही मामला मेडिकल कॉलेज नेरचौक प्रबंधक के सामने खड़ा हो गया है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक प्रबंधक का निजी कंपनी के साथ रेट तय ना होने के चलते इसकी सूचना प्रबंधक द्वारा उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों को दे दी गई है.
कंपनी ने सप्लाई से मना किया
मेडिकल कॉलेज नेरचौक के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कंपनी को ऑर्डर किया गया था, लेकिन कंपनी ने दिए गए रेट पर इंजेक्शन सप्लाई करने से मना कर दिया.
उन्होंने कहा कि इसके बाद सिपला कंपनी द्वारा 1310 रूपए रेट रेमडेसिविर इंजेक्शन का दिया गया और मेडिकल कॉलेज द्वारा ऑर्डर दे दिया, लेकिन तीसरे दिन ही कंपनी द्वारा इस रेट पर इंजेक्शन सप्लाई करने से मना कर दिया गया.
कंपनी द्वारा पंजाब सरकार द्वारा दिए गए 2 हजार के रेट पर सप्लाई करने के लिए कहा. इस पर मेडिकल कॉलेज द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने से मना कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है.
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