मंडी: हिमाचल सरकार राज्य में विकास के नाम पर कर्जे पर कर्जा ले रही है सरकार में बैठे मंत्री उस पैसे को अपने परिवार पर पानी की तरह बहा रहे हैं. जयराम सरकार के मंत्रियों को प्रदेश की जनता से ज्यादा अपने बच्चों की शानो-शौकत की फिक्र है.
आरटीआई में ये खुलासा हुआ है कि जयराम सरकार में नंबर दो के मंत्री द्वारा जनता के पैसे से धर्मपुर में चालीस लाख में तीन गाड़ियां ली गईं. इसमें से 27 लाख की एक गाड़ी अधिषासी अभियंता (आईपीएच) के नाम पर खरीदी गई और वह मंत्री के बेटे के हवाले कर दी गई.
आरटीआई के माध्यम से ये जानकारी लेने वाले पार्षद भूपेंद्र सिंह का कहना है कि एक तरफ जहां सरकार आर्थिक तंगी का ठीकरा कोरोना के सिर फोड़कर हर चीज पर कटौती की कैंची चला रही है, वहीं उसी सरकार के तथाकथित सर्वश्रेष्ठ मंत्री कोरोना काल में मलाई चाटने में लगे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि घर की रोटी खाकर सरकार से लाखों का भत्ता वसूल चुके मंत्री ने अब जल शक्ति विभाग को अपने एशो आराम का विभाग बना दिया है. मुख्यमंत्री भी मंत्री की इस करनी पर पूर्णतया चुप होकर बैठे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जन जीवन मिशन योजना से 27 लाख की एक टोयोटा इनोवा गाड़ी और दो बोलेरो गाड़ियां खरीदने के लिए चालीस लाख से भी अधिक खर्च किए गए हैं. इनमें से टोयोटा गाड़ी मंत्री के बेटे द्वारा कथित रूप से इस्तेमाल की जा रही हैं.
जिला पार्षद ने ये मांग की है कि जब से इस लग्जरी गाड़ी की खरीद हुई है तब से लेकर अब तक धर्मपुर, संधोल, सरकाघाट, मनाली और करसोग से लेकर अन्य स्थानों की सीसीटीवी फुटेज जांची जाए, हर जगह मंत्री का बेटा ही इस गाड़ी में घूम रहा है. फुटेज सामने आने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों से गरीबों का मसीहा के नारे लगवाने वाले मंत्री के घर कई महंगी गाड़ियां होने के बावजूद ऐसी कौन सी गरीबी पड़ गई कि जो एक्सईएन धर्मपुर के नाम पर अपने बेटे के लिए जनता के पीने के पानी का बजट खर्च करना पड़ा.
पार्षद ने कहा कि मंत्री के काफिले में तीन लग्जरी सरकारी गाड़ियां रखी हैं, जबकि एक सरकारी गाड़ी उनके निजी सचिव इस्तेमाल करते हैं. बेटे के पास फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी होने के बावजूद उनके लिए सरकारी पैसे का दुरुपयोग किसी की समझ में नहीं आ रहा.