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मंत्री के बेटे की सवारी बनी XEN की 27 लाख की कार, लगा है 1 लाख का VIP नंबर - एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा

जयराम सरकार प्रदेश के विकास के लिए कर्ज पर कर्ज ले रही है. वहीं, सरकार फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने में नाकाम है. सरकार के ही मंत्री जनता के पैसे का अपने ऐशो-आराम पर खर्च कर रहे हैं. धर्मपुर में एक जल शक्ति विभाग के एक्सईएन के लिए 27 लाख की लग्जरी गाड़ी खरीदी गई है. जयराम सरकार में नंबर दो के मंत्री के बेटे पर इस सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल के आरोप लगे हैं.

27 lac vehicles purchased for XEN in himachal
27 lac vehicles purchased for XEN in himachal

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Published : Sep 15, 2020, 4:11 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 6:08 PM IST

मंडी: हिमाचल सरकार राज्य में विकास के नाम पर कर्जे पर कर्जा ले रही है सरकार में बैठे मंत्री उस पैसे को अपने परिवार पर पानी की तरह बहा रहे हैं. जयराम सरकार के मंत्रियों को प्रदेश की जनता से ज्यादा अपने बच्चों की शानो-शौकत की फिक्र है.

आरटीआई में ये खुलासा हुआ है कि जयराम सरकार में नंबर दो के मंत्री द्वारा जनता के पैसे से धर्मपुर में चालीस लाख में तीन गाड़ियां ली गईं. इसमें से 27 लाख की एक गाड़ी अधिषासी अभियंता (आईपीएच) के नाम पर खरीदी गई और वह मंत्री के बेटे के हवाले कर दी गई.

आरटीआई के माध्यम से ये जानकारी लेने वाले पार्षद भूपेंद्र सिंह का कहना है कि एक तरफ जहां सरकार आर्थिक तंगी का ठीकरा कोरोना के सिर फोड़कर हर चीज पर कटौती की कैंची चला रही है, वहीं उसी सरकार के तथाकथित सर्वश्रेष्ठ मंत्री कोरोना काल में मलाई चाटने में लगे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि घर की रोटी खाकर सरकार से लाखों का भत्ता वसूल चुके मंत्री ने अब जल शक्ति विभाग को अपने एशो आराम का विभाग बना दिया है. मुख्यमंत्री भी मंत्री की इस करनी पर पूर्णतया चुप होकर बैठे हुए हैं.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जन जीवन मिशन योजना से 27 लाख की एक टोयोटा इनोवा गाड़ी और दो बोलेरो गाड़ियां खरीदने के लिए चालीस लाख से भी अधिक खर्च किए गए हैं. इनमें से टोयोटा गाड़ी मंत्री के बेटे द्वारा कथित रूप से इस्तेमाल की जा रही हैं.

गाड़ी की रजिस्ट्रेशन.

जिला पार्षद ने ये मांग की है कि जब से इस लग्जरी गाड़ी की खरीद हुई है तब से लेकर अब तक धर्मपुर, संधोल, सरकाघाट, मनाली और करसोग से लेकर अन्य स्थानों की सीसीटीवी फुटेज जांची जाए, हर जगह मंत्री का बेटा ही इस गाड़ी में घूम रहा है. फुटेज सामने आने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों से गरीबों का मसीहा के नारे लगवाने वाले मंत्री के घर कई महंगी गाड़ियां होने के बावजूद ऐसी कौन सी गरीबी पड़ गई कि जो एक्सईएन धर्मपुर के नाम पर अपने बेटे के लिए जनता के पीने के पानी का बजट खर्च करना पड़ा.

पार्षद ने कहा कि मंत्री के काफिले में तीन लग्जरी सरकारी गाड़ियां रखी हैं, जबकि एक सरकारी गाड़ी उनके निजी सचिव इस्तेमाल करते हैं. बेटे के पास फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी होने के बावजूद उनके लिए सरकारी पैसे का दुरुपयोग किसी की समझ में नहीं आ रहा.

यही नहीं इस गाड़ी के लिए वीआईपी नंबर देने के लिए अधिषासी अभियंता की ओर से एक लाख रुपये जारी किए गए हैं. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि एक तरफ प्रदेश सरकार ने तीन साल में खराब आर्थिक हालात का रोना रोकर करोड़ों का कर्ज ले रही है और दूसरी ओर जनता के पैसे का सरेआम दुरुपयोग किया जा रहा है.

कांग्रेस नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता ये जानना चाहती है कि एक एक्सईएन के लिए लाखों की गाड़ी खरीदने और वीआईपी नंबर के लिए जनता का पैसा क्यों फूंका गया. उन्होंने कहा कि खुद को अटल जी की ईमानदार पार्टी कहने वाली बीजेपी की असलियत जनता के सामने आ चुकी है.

उन्होंने कहा कि भोली-भाली जनता की खून-पसीने की कमाई को जमकर लूटा जा रहा है और मुख्यमंत्री जयराम अनपी पीठ खुद थपथपा रहे हैं. इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा की गरीबों के मसीहा कहलाने वालों ने कैसे जनता की कमाई उड़ाई ती.

एक लाख में जारी किया है VIP नंबर

उधर, आरएलए एवं एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने कहा कि एचपी-86-0006 वीआईपी नंबर के लिए एक लाख आरएलए को मिला है. तभी यह नंबर अलॉट हुआ है. किसने जमा करवाया ये उन्हें पता नहीं है.

प्रदेश के पहले एक्सईएन जिनके पास 27 लाख की गाड़ी

धर्मपुर जल शक्ति विभाग के एक्सईएन प्रदेश के पहले एक्सईएन हैं, जिनके लिए 27 लाख की गाड़ी ली गई हैl अन्य उपमंडलों में एक्सईएन को सात लाख की बोलेरो से काम चला रहे हैं. यहां तक कि माननीय हाईकोर्ट के जजों के पास भी 10 से 12 लाख रुपये तक कोरोला कार ही उपलब्ध है.

वहीं, धर्मपुर के अधिषासी अभियंता राजेश पराशर ने कहा कि यह गाड़ी जलजीवन मिशन के तहत खरीदी गई है, जिसके लिए मुख्य कार्यालय से वित्तीय स्वीकृति आई है. यह मंत्री के कारगेट की सैकेंड व्हीकल है, जिसका पूरा खर्चा मुख्य कार्यलय से आता है.

Last Updated : Sep 15, 2020, 6:08 PM IST

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