करसोगः जिला मंडी के उपमंडल करसोग की तेवन पंचायत में राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन ने बुधवार को तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल से संबंधित जागरूकता शिविर का शुभारंभ किया. इस दौरान ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया.
शिविर में मौजूद डॉ सत्या ने लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि दूषित पानी के सेवन से चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, हैजा, दस्त, उल्टियां, टाइफाईड और बुखार जैसे रोग हो सकते हैं. गर्मी व बरसात के दिनों में इनके होने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए पीने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करें. तालाब के किनारे लगे हैंडपंपों से पानी न पिएं और बरसात के दिनों में पानी को उबाल कर पिएं. इसके अतिरिक्त समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों दवाई डालते रहें. वहीं, कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं. बाजार से खुले में बिकने वाले चीजों को सेवन न करें.
दूषित पानी पीने से होने वाले रोग
इस अभियान के तहत स्थानीय लोगों को बताया गया कि पीने का पानी दूषित होने से तो कई बीमरियां चपेट में ले सकती हैं. ये बीमारियां दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं.