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छोटी काशी में हुए 'मां ब्रजेश्वरी' के दर्शन, भोले बाबा का स्वरूप देखने उमड़े श्रद्धालु

मंडी में बुधवार को कांगड़ा की माता ब्रजेश्वरी के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में अठारहवें दिन शिवलिंग को पूजा अर्चना के साथ कांगड़ा की ब्रजेश्वरी माता के रूप में श्रृंगार किया गया और भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.

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Published : Feb 20, 2019, 2:48 PM IST

बाबा भूतनाथ मंदिर

मंडी: छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी में बुधवार को कांगड़ा की माता ब्रजेश्वरी के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में अठारहवें दिन शिवलिंग को पूजा अर्चना के साथ कांगड़ा की ब्रजेश्वरी माता के रूप में श्रृंगार किया गया और भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.

बाबा भूतनाथ मंदिर
परंपरा के अनुसार मंदिर में तारारात्रि के बाद पहले दिन त्रयम्बकेश्वर महादेव, दूसरे दिन नीलकंठ महादेव, तीसरे दिन बिलकेश्वर महादेव, चौथे दिन बिजली महादेव, पांचवें दिन गोपेश्वर महादेव, छठें दिन काल भैरव, सातवें दिन नागेश्वर महादेव, आठवें दिन भीमाकाली माता, नौंवे दिन उज्जैन के महाकाल, दसवां माता अधिष्ठात्री मायादेवी भगवती सती, ग्यारवें दिन लाल भैरव, बारहवें दिन राधाकृष्ण जी, तेरहवें दिन घेला सोमनाथ राजकोट गुजरात, चौदहवें दिन माता काली कोलकाता, पंद्रहवें दिन मां चिंतपूर्णी, सोलहवें दिन कलकत्ता के बाबा भूतनाथ हावड़ा, सत्रहवें दिन ओंमकार महादेव का रूप उकेरा गया.
बाबा भूतनाथ मंदिर
बुधवार को शिवलिंग को कांगड़ा की ब्रजेश्वरी मां के रूप में तब्दील किया गया. शिवलिंग में चढ़े घृत कंबल में बाबा के रूपों को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. वहीं, बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं. इस सब की व्यवस्था उनके द्वारा की जा रही है. ब्रजेश्वरी मां के स्वरूप को देखने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा.
बाबा भूतनाथ मंदिर
बता दें कि मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की ये परंपरा मंडी नगर की स्थापना के समय 1527 ई. से चली आ रही है. मंदिर में शिवरात्रि आने से ठीक एक महीने पहले मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं द्वारा मक्खन चढ़ाया शुरू कर दिया जाता है, जो कि महाशिवरात्रि के दिन उतारा जाएगा और महाशिवरात्रि को सुबह चार बजे मक्खन निकालकर शिवलिंग का शिवरात्रि महोत्सव के लिए श्रृंगार किया जाएगा.

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