मंडीः जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी प्रशासन की गर्मी के सीजन में संभावित जल संकट एवं सूखे से निपटने की पूरी तैयारी है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव अनिल खाची को जिले में जल संकट एवं सूखा प्रबंधन की तैयारियों एवं व्यापक अग्रिम व्यवस्थाओं से अवगत करवाया. मुख्य सचिव ने शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों में जल संकट एवं सूखे की स्थिति एवं तैयारियों का जायजा लिया.
उपायुक्त ने मुख्य सचिव को दी जानकारी
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि जलशक्ति विभाग ने जिला की ऐसी 15 जलापूर्ति योजनाएं चिन्हित की हैं, जिन पर जल संकट से अधिक प्रभाव पड़ा है. इससे निपटने के लिए योजनाओं के इंटर लिंकेज और नए जल स्रोतों से जोड़ने का काम किया जा रहा है, ताकि सभी जगह पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जा सके.
पेयजल प्रबंधन के लिए की गई अग्रिम व्यवस्थाएं
इसके अलावा पेयजल प्रबंधन के लिए भी अग्रिम व्यवस्थाएं की गई हैं. परंपरागत प्राकृतिक जल स्त्रोतों की साफ-सफाई सुनिश्चित की जा रही है. हैंड पंपों को एनर्जाइज करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों को जिला में किसानों-बागवानों को हुए नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है, ताकि लोगों को राहत प्रदान करने का मामला शीघ्र सरकार को भेजा जा सके.
पशु चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यवस्था
उपायुक्त ने बताया कि पशु पालन विभाग के जरिए जिला में पशु चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित बनाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा उन्हें पशुओं को जलजनित रोगों से बचाने व उपचार के लिए सभी प्रबंध करने निर्देश दिए गए हैं. वन विभाग से वनों को आग से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम रखने के साथ-साथ खाद्य आपूर्ति विभाग से हर स्थिति में खाद्य वस्तुओं के मूल्यों को नियंत्रण में रखना सुनिश्चित बनाने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ेंःशिमला में क्वारंटाइन सेंटर से IGMC के सुरक्षा कर्मियों को जबरन निकाला जा रहा है बाहर, जानें वजह