लाहौल स्पीति: इमं में गंगे यमुने सरस्वती शुतुद्रि स्तोमं सचता परुषण्या, असिवक्न्या मरूद्वृधे वितस्तयार्जीकीये श्रणुह्या सुषोमया. ऋग्वेद के इसी श्लोक से वशीभूत हो कर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर कुल्लू-मनाली पहुंचे हुए हैं. आज बहुत ही गोपनीय तरीके से उन्होंने अपनी संक्षिप्त यात्रा में वैदिक नदी असकिनी जो चंद्रभागा संगम के नाम से विख्यात है, का दर्शन किया और पवित्र जल से पंचस्नान किया.
इसके बाद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने तुपचीलिंग गोम्पा का भी दर्शन किया और पूजा की. श्री श्री रविशंकर के स्वागत के लिए उपायुक्त पंकज राय और तांदी पंचायत के उप प्रधान वीरेंदर ने गोम्पा में उन की अगवानी की.
स्विट्जरलैंड से की लाहौल स्पीति की तुलना
उप प्रधान वीरेंदर ने बताया कि गुरु श्री श्री रविशंकर ने लाहौल को स्विट्जरलैंड की तरह सुंदर बताया और यहां के लोग विषम हालातों में कैसे गुजर बसर करते हैं, इस बारे में जानकारी ली. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में इन दिनों स्नो फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है और बीते दो महीने से लगातार अलग-अलग तरह की गतिविधियां स्नो फेस्टिवल के दौरान करवाई जा रही है. देश-विदेश और फिल्मी जगत की हस्तियां भी इन दिनों लाहौल स्पीति घूमने आ रहे हैं.
वहीं, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर भी लाहौल स्पीति में करवाए जा रहे स्नो फेस्टिवल देखने पहुंचे. जहां पर उन्होंने लाहौल की हसीन वादियों का दीदार भी किया.
'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल
डीसी लाहौल स्पीति पंकज राय ने बताया कि लाहौल स्पीति को ऐतिहासिक आयोजन 'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल के लिए गवर्नेन्स की श्रेणी में स्कोच अवार्ड का सिल्वर मेडल हासिल हुआ है. यह आयोजन समस्त जनता की भागीदारी से ही सम्भव हो पाया है, जिसके माध्यम से यह उत्सव सफल हो रहा है.