लाहौल-स्पीति:हिमाचल प्रदेश में दिसंबर का महीना शुरू होते ही पारा माइनस में जाने लगा है. लाहौल स्पीति में कड़ाके की ठंड के चलते झीलें जमने लगी है. ऊंचाई वाले स्थानों पर प्राकृतिक जल स्रोत भी जम रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. लाहौल स्पीति में पारा माइनस में जाने से ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें जम चुकी हैं, जिनमें मनाली लेह सड़क मार्ग पर स्थित दीपक ताल झील भी शामिल है.
जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग से 43 किलोमीटर दूर स्थित दीपकताल झील भी जम गई है. यह झील समुद्रतल से 3,750 मीटर की ऊंचाई पर है. मानसून में हिम नदियों के पिघलने से यह झील पोषित होती है. अब बर्फ से ढकी चोटियों के बीच इस झील का पानी पूरी तरह से जम गया है. अप्रैल के बाद झील पर फिर रौनक लौटेगी. दीपकताल प्रदेश की एक आकर्षित झील है. यह झील जिस्पा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है.