कुल्लू:देश दुनिया के लिए रोमांच पैदा करने वाला लाहौल स्पीति जिला अटल टनल बनने के बाद सैलानियों की पसंद बना हुआ है. यहां पर अटल टनल बनने के बाद 12 महीने की आवागमन की सुविधा मिल रही है. वही किसानों ने भी यहां पर आधुनिक तरीके से खेती करनी शुरू कर दी है. किसानों द्वारा लाहौल घाटी में अब विदेशी किस्म की सब्जियां भी उगाई जा रही है. इन सब्जियों को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े महानगरों में भी बेचा जा रहा है. जिससे लाहौल घाटी के किसानों की आर्थिकी भी मजबूत हुई है, लेकिन प्रदेश में आई बाढ़ और भारी बारिश इस साल लाहौल घाटी के किसानों पर भारी पड़ रही है. भारी बारिश और लैंडस्लाइड से सड़कें बाधित होने से किसानों की सब्जियां मंडियों में नहीं जा पा रही है.
सड़क बाधित होने से फंसी सब्जियां: लाहौल घाटी में अब किसान फूलगोभी, ब्रोकली, आइसबर्ग सहित अन्य कई विदेशी किस्म की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. इसके अलावा लिलियम जैसे फूलों की खेती भी लाहौल घाटी में की जा रही है. प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर लाहौल घाटी की सब्जियों को भी दिल्ली, मुंबई, गुजरात और जयपुर जैसे बड़े महानगरों में अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन इस मानसून सीजन में भारी बारिश से बार-बार बाधित हो रहा कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग किसानों के लिए परेशानी बन रहा है. क्योंकि लाहौल से सब्जी की गाड़ियां बजौरा या फिर ओट में फंस रही है. जिससे किसानों की सब्जियां खराब हो रही है. सड़क मार्ग सही समय पर बहाल न होने के चलते, सब्जियां बाहरी राज्यों की मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है.
दूसरे राज्यों में नहीं पहुंच रही ब्रोकली और आइसबर्ग:लाहौल घाटी में विदेशी किस्म की सब्जियों की बात करें तो किसानों को मई और जून महीने में फूल गोभी, मटर सहित कई सब्जियों को 50 से लेकर 180 रुपये तक प्रतिकिलो दाम मिले थे, लेकिन 9 जुलाई के बाद सभी सब्जियों के दाम गिर गए. ऐसे में कई किसानों ने अपनी फसल को खेतों में ही रहने दिया. अब लाहौल घाटी में ब्रोकली व आइसबर्ग की फसल भी तैयार है, लेकिन बार-बार सड़क मार्ग के बाधित होने से ब्रोकली और आइसबर्ग बाहरी राज्यों की मंडियों में नहीं पहुंच पा रही है.
सड़कें बंद होने से किसानों को भारी नुकसान: लाहौल घाटी के किसान निर्मल चंद, मोहनलाल, किशनलाल, सुदर्शन का कहना है कि लाहौल में फूलगोभी को पहले ₹40 से ₹60 प्रति किलो दाम मिले थे, लेकिन इन दिनों यह दम 10 से 15 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. ब्रोकली को भी ₹100 से अधिक दाम मिल रहे थे, लेकिन अब इसे 40 से ₹50 ही दाम मिल रहे हैं. इसके अलावा फूल उगाने वाले किसानों को भी इस साल लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अगर जल्द ही कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग की हालत ठीक नहीं हुई तो लाहौल घाटी के किसानों को विदेशी सब्जियों के उत्पादन में कोई भी फायदा इस साल नहीं मिलेगा.