लाहौल स्पीतिःजिला की रंगलो घाटी में हालड़ा उत्सव का आगाज हो गया है. तेलिंग से लेकर रोसंग तक घाटी मशालों की रोशनी से जगमगा उठी. उत्सव में तय समयानुसार हर गांव के लोग हालड़ो-हालड़ो की आवाज लगाकर घर से मशाल जलाकर बाहर निकले और निश्चित स्थान पर एकत्रित हुए. यहां देवता को शगुन चढ़ा कर लोग मशाल के इर्द-गिर्द खूब नाचे और गले मिलकर एक-दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी.
इन पंचायतों में मनाया गया हालडा उत्सव
स्थानीय बोली में नववर्ष की बधाई (लो सोमा टशी शो) कहकर दी. नववर्ष के आगमन पर हालड़ा उत्सव को कोकसर पंचायत के गांव तेलिंग, खरचो, लालिंग, बोगचा, सरखंग, रंगचा, युरामूर्ति से लेकर सिस्सू पंचायत के तोदचे, जगदंग, यंगलिंग, सिस्सू, शाशिन, गोंपाथांग, रोपसंग, खांगसर और गयुंलिंग तक उत्साह के साथ मनाया गया. सबसे पहले सद उसके बाद रम्मी फिर दुद हालड़ो निकाले गए. देवी-देवताओं को समर्पित इस उत्सव में लोगों ने अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की.