कुल्लू: लाहौल-स्पीति में इस बार मार्च महीने में हुई बर्फबारी ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला है. घाटी के गांव में जहां दो मंजिलों के मकान भी बर्फ में दबे हुए है, वहीं, जिला मुख्यालय केलांग में ही चार फुट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. ऐसे में लाहौल-स्पीति में इस बार बर्फबारी ने लोगों के लिए कई नई मुश्किलें पैदा कर दी है.
घाटी की सड़कों पर जहां बर्फ जमने से वाहनों की रफ्तार थम सी गई है. यही नहीं, बर्फबारी के कारण लाहौल के अधिकतर गांव के लोग गत 3 माह से गांव से बाहर नहीं निकल पाए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि लाहौल-स्पीति में लंबे समय बाद इतनी ज्यादा बर्फ गिरी है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
स्थानीय निवासी एवं एचआरटीसी के केलांग डिपो के आरएम मंगलचंद मनेपा का कहना है कि लाहौल में इससे पहले इतनी बर्फबारी साल 1993 में दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में घाटी के अधिकतर गांव बर्फ में पूरी तरह दबे हुए हैं. अधिक बर्फबारी के कारण इस बार सड़कों की बहाली का कार्य भी देरी से शुरू हो पाया है.
उल्लेखनीय है कि शेष विश्व से कटे लाहौल-स्पीति में पहुंचने के लिए जहां हेलिकॉप्टर ही एक मात्र साधन है, वहीं, यहां के लोग रोहतांग टनल की बहाली का इंतजार भी बेसब्री से कर रहे हैं.