कुल्लू:लाहौल-स्पीति में कृषि मंत्री राम लाल मारकंडा का काफिला रोकने के आरोप में 200 अज्ञात महिलाओं पर दर्ज एफआईआर मामले में नारी शक्ति ने एकजुटता दिखाई. क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं थाने पहुंच गई थी, जिस पर पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाई.
गौर हो कि 9 जून को प्रदेश के कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय काजा गए थे, तो महिलाओं ने कोरोना वायरस के खतरे का हवाला देते हुए उन्हें काजा में प्रवेश नहीं करने दिया था. पुलिस ने प्रदर्शन में काजा गांव की 200 अज्ञात महिलाओं पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
महिलाओं का कहना है कि मंत्री का रास्ता रोकने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. स्पीति घाटी के लोगों के निर्णय के खिलाफ जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्यों ने बाहर से कामगारों को लाना शुरू कर दिया था, जिसका विरोध करने के लिए महिला मंडल, युवक मंडल व व्यपार मंडल के लोग यहां एकत्रित हुए थे.
उन्हें जब यह मालूम हुआ कि लोग मंत्री का स्वागत करने काजा गेट पर पहुंचे हैं तो वे सब उन्हें मिलने काजा गेट के पास एकत्रित हो गए. वहां पहुंचते ही मंत्री का काफिला भी आ गया, जिसमें करीब 15 गाड़िया शामिल थी. महिलाओं ने यह तर्क दिया कि मंत्री के साथ बाहर से आए बहुत से लोग कहीं घाटी में कोरोना वायरस न ले आएं इसलिए उन्होंने मंत्री को काजा आने का विरोध किया.
वहीं, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने प्रदेश के दूरदराज और जनजातीय इलाके के छोटे से गांव काजा में महिलाओं के खिलाफ हुई एफआईआर की कड़ी निंदा की है. राज्य सचिव फालमा चौहान ने कहा कि हाल ही में महामारी के चलते हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं जनजातीय विकास मंत्री व इनके साथ गए लोग जब प्रदेश के लाहौल स्पीति के काजा गांव मे गए तो उन्होंने नियमों की अवहेलना की.
महामारी की दहशत के चलते लोगों ने मंत्री के सामने शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस प्रशासन ने महिलाओं और युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. वहीं, अब एकल नारी शक्ति संगठन बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा, सर्व शक्ति संगम सोलन, एकल नारी कृषि सहकारी सभा ऊना, सकीना एवं नानकी भारद्वाज पर्वतीय महिला अधिकार मंच, लता देवी सराज, महिला कल्याण परिषद किन्नौर सहित प्रदेश भर के महिला संगठन स्पीति की महिलाओं के पक्ष में उतरे हैं.
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