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कुल्लू शहर को साफ रखने के लिए प्रशासन सतर्क, इस दिन से शुरू करेगा वेस्ट टू टेस्ट कैफे योजना - सैलानी

जिला प्रशासन कुल्लू शहर को साफ-सुथरा बनाने एक लिए आगामी 10 अगस्त से एक अनूठी योजना वेस्ट टू टेस्ट कैफे की शुरूआत करने जा रहा है. योजना का क्रियान्वयन नगर परिषद कुल्लू द्वारा किया जाएगा.

बैठके के दौरान डीसी कुल्लू

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Published : Aug 9, 2019, 10:16 AM IST

कुल्लू: कुल्लू शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक अनूठी योजना वेस्ट टू टेस्ट कैफे तैयार की है. शहर में 10 अगस्त से इस योजना की शुरूआत की जाएगी. योजना का क्रियान्वयन नगर परिषद कुल्लू द्वारा किया जाएगा.

डीसी ऋचा वर्मा ने बताया कि नगरवासियों से घरों में पड़ी बेकार व अनुप्युक्त वस्तुओं को लेकर उन्हें शहर के अच्छे रेस्तरां में स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने का मौका दिया जाएगा. इन व्यंजनों में कॉफी, सिड्डू, आइसक्रीम, पिज्जा, बर्गर व परिवार के चार सदस्यों को शानदार डिनर का प्रावधान किया जाएगा. मुफ्त कूपन धारक व्यक्ति को ये व्यंजन कुबेर फॉस्ट फूड, ज्ञानी आइसक्रीम, बुक कैफे और सिटी च्वाइस होटल से उपलब्ध करवाए जाएंगे.

व्यंजन लेने के लिए मुफ्त कूपन सरवरी स्थित एमआरएफ स्थल पर घर की कुछ बेकार वस्तुओं को जमा करवाना होगा. कॉफी के लिए तीन किलो कांच, आधा किलो प्लास्टिक, दो किलो गत्ता व एक किलो ई-वेस्ट में से कोई एक वस्तु जमा करवानी होगी. बर्गर, सिड्डू व मोमो के लिए चार किलो कांच, एक किलो प्लास्टिक, तीन किलो गत्ता व दो किलो ई-वेस्ट में से कोई एक वस्तु जमा करवानी होगी.

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वहीं, लंच व सेंडविच के लिए ये वस्तुएं पांच किलो, डेढ किलो, चार किलो व तीन किलो में कोई एक जमा करवानी होगी. इसी प्रकार परिवार समेत रात के खाने के लिए 10 किलो कांच, तीन किलो प्लास्टिक, सात किलो गत्ता व छह किलो ई-कचरा देना होगा.

शहर को स्वच्छ रखना सभी नागरिकों की जिम्मेवारी
जिला दण्डाधिकारी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों व आस-पास पड़े कचरे को जमा करवाकर व्यंजनों का आनंद उठाए और शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि इस कचरे को लोग जगह-जगह फैंक रहे हैं, जिससे न केवल शहर दूषित हो रहा है, बल्कि जल स्रोतों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

डीसी ने कहा कि कुल्लू-मनाली हर वर्ष लाखों देसी व विदेशी सैलानी आते हैं और ऐसे में हरेक व्यक्ति की जिम्मेवारी बनती है कि वे कूड़ा-कचरा हर कहीं पर न डालें, बल्कि ठोस व तरल कूड़ा अलग-अलग से नगर परिषद के कर्मियों को दें.

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