कुल्लू:हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में आए छह दशक से अधिक का समय हो गया है, लेकिन यहां आज भी ऐसे क्षेत्र हैं, जो सरकारी तंत्र की पहुंच से बाहर हैं. जिला कुल्लू उपतहसील सैंज की रैला पंचायत के पाशी, खड़गचा, थाटीधार, ठाकुराआगे ,कुन्दर, मझान कुटला, क्षेत्र के लोगों को आज दिन तक सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है.
हालात यह है कि इन लोगों को उप तहसील कार्यालय तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर सफर पैदल तय करना पड़ता है. इतना ही नहीं पंचायत के पाशी, खड़गचा ,ठाकुरा आगे, कुटला, मझारणा, मझान जैसे अति दुर्गम गांवों में लोगों को अभी तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाई हैं.
हिमाचल सरकार की इस लापरवाही के कारण शुक्रवार को रैला पंचायत के खड़गचा गांव के 32 वर्षीय युवक यशवंत का घर की पौड़ियों से फिसलकर पैर टूट गया. गांव में न तो किसी तरह का अस्पताल है और न ही यातायात के लिए सड़क. वहीं, मूसलाधार बारिश होने से लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया. मरीज यशवंत की बिगड़ती हालत को देख कर लोगों ने हौसला करते हुए भारी बारिश के बीच युवक को चारपाई पर उठाकर करीब पांच किलोमीटर के खतरनाक रास्ते पर सफर किया.
रैला पंचायत के पाशी गांव निवासियों ने कहा कि देश की आजादी के सात दशकों बाद भी हम गुलामी का जीवन जी रहे हैं. लोगों को खाने पीने का सामान भी पांच किलोमीटर तक पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता है.