हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

अनछुआ हिमाचल: यहां इग्लू में ठहरने का लुत्फ उठा सकते हैं सैलानी, महाभारत काल से जुड़ा है इस ग्लेशियर का इतिहास

ईटीवी भारत की अपनी खास सीरिज अनछुआ हिमाचल में सैर करवाता है हिमालय की गोद में छिपे ऐसे रमणीय पर्यटक स्थलों की जिनपर कुदरत तो बेहद मेहरबान है, लेकिन प्रशासन की मेहबानी होना अभी बाकि है. आज हम आपको सैर करवाएंगे मनाली से मजह 15 किलोमीटर दूर हामटा पास की. जहां पर साहसिक पर्यटन के साथ महाभारत काल की मान्यताएं भी जुड़ी है.

By

Published : Sep 21, 2019, 1:03 PM IST

डिजाइन फोटो.

कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली में स्थित हामटा पास बेहद खुबसूरत पर्यटन स्थल है. ये दर्रा हिमालय में पीर पंजाल श्रेणी पर14039 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हामटा पास लाहौल की चंद्रा घाटी और कुल्लू घाटी के बीच एक छोटा गलेशियर है.

वीडियो.

पर्यटक सदिर्यों के साथ गर्मियों में भी हामटा के नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं. हामटा में पर्यटक गर्मियों के दिनों में हरे-भरे प्राकृतिक दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करने के साथ-साथ ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं, वहीं सर्दियों के दिनों में ताजा बर्फबारी का आनंद लेने के साथ-साथ इग्लू के घरों में रहने का अद्भुद अनुभव ले सकते हैं. साल 2017 में हामटा के युवकों ने यहां इग्लू घर बनाने की नई पहल की थी, जो पर्यटकों को बेहद पसंद आई थी और अब हामटा के इग्लू घर दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इसी वजह से हामटा पास को अब इग्लू वैली के नाम से भी जाना जाने लगा है.

डिजाइन फोटो.

हामटा पास न सिर्फ ट्रैकिंग और घूमने वाले पर्यटकों के लिए उपयुक्त स्थान है, ब्लकि इस स्थान का इतिहास भी काफी रोचक है. कहा जाता है कि हामटा पास में आज भी पांडवों के धान के खेत मौजूद है और उस स्थान को पांडू रोपा के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव हामटा में भी आए थे. पांडवों ने यंहा पर धान की खेती आरंभ की थी, जिसके प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी इस जगह पर देखने को मिलते हैं. महाभारत काल से ही इस स्थान का नाम पांडू रोपा पड़ गया.

हामटा में हर साल सैकड़ों की संख्या में पर्यटक ट्रैकिंग करने पंहुचते हैं, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से विकसित न होने के कारण यह स्थान अभी भी बहुत से पर्यटकों की पंहुच से दूर है. अनछुए पर्यटन स्थल हामटा पास को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाता है तो इसका फायदा मनाली के पर्यटन कारोबार के साथ-साथ यहां के स्थानीय लोगों को भी होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details