हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में पहाड़ों का रोमांच हर साल लील रहा कई जिंदगियां, जानकारी न होने से लापता हो रहे ट्रेकर - एसडीएम मनाली डॉक्‍टर सुरेंद्र ठाकुर

कुल्लू-मनाली सहित लाहौल-स्पीति भी ट्रेकर की पहली पसंद रही है. मगर डेढ़ दशक में कई देशी-विदेशी ट्रेकर जान गंवा चुके हैं. सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रेकर पहाड़ों में ऐसे गुम हुए कि आज तक उनका कोई पता नहीं चला है. प्रशासन ने ट्रेकर्स से आग्रह है किया है कि वे दिशानिर्देशों का पालन करें.निर्धारित समय में ही पंजीकृत ट्रेवल एजेंसियों के माध्यम से अनुभवी गाइड के साथ ट्रेकिंग पर जाएं. (Trekkers missing in Himachal)

Trekker Sites in Himachal
हिमाचल में लापता हो रहे ट्रेकर

By

Published : Nov 26, 2022, 2:41 PM IST

कुल्लू:जिला कुल्लू की पहाड़ियों का रोमांच हर साल कई जिंदगियों को लील रहा है. पहाड़ों पर जानकारी का अभाव होने के चलते हर साल कई ट्रेकर लापता हो रहे हैं. हालांकि लापता हो रहे अधिकतर ट्रेकरों को रेस्क्यू टीम के द्वारा तलाश लिया जाता है. लेकिन आज भी कई ऐसे ट्रेकर हैं जो जिला कुल्लू की पहाड़ियों में खो गए हैं और उनका आज तक कोई पता नहीं चल पाया है. (Trekker missing in Kullu)

जिला कुल्लू में पहाड़ों में कदमताल के शौकीन लाखों देशी-विदेशी सैलानी हर साल कुल्लू-मनाली आते हैं. जो ट्रेकर अनुभवी गाइड व पंजीकृत ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से पुलिस को बताकर ट्रेकिंग पर जाते हैं. उनके साथ दुर्घटना बहुत कम होती है. जो लोग मनमाने तरीके से इन चोटियों को हल्के में लेते हैं, बिना तैयारी व बिना अनुभवी गाइड के ट्रेकिंग के लिए निकल पड़ते हैं, उनमें से ही अधिकतर दुर्घटना का शिकार होते हैं. (Trekkers missing in Himachal)

कुल्लू-मनाली सहित लाहौल-स्पीति भी ट्रेकर की पहली पसंद रही है. मगर डेढ़ दशक में कई देशी-विदेशी ट्रेकर जान गंवा चुके हैं. सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रेकर पहाड़ों में ऐसे गुम हुए कि आज तक उनका कोई पता नहीं चला है. इसी साल 15 जून को लाहौल-स्पीति के सीबी 13 में बेंगलुरु के पर्वतारोही वेद व्यास ग्लेशियर की दरार में गिर गए थे. रेस्क्यू अभियान चलाए और कड़ी मशक्कत के बाद पर्वतारोहण संस्थान की टीम तीन महीने बाद उनका शव निकालने में सफल हुई थी.

वहीं, इसी साल आठ सितंबर को मलाणा के माउंट अली रतनी टिब्बा में बंगाल के चार पर्वतारोही रास्ता भटक गए थे. प्रशासन ने उन्हें भी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की मदद से सुरक्षित तलाश लिया था. हालांकि पुलिस ने अधिकतर ट्रेकर के शव बरामद किए लेकिन कई सैलानियों का पता नहीं लगा है. इसके अलावा 23 मार्च 2018 को मलाणा की पहाड़ियों में गुम हुए दिल्ली के अमन अवस्थी का कोई सुराग नहीं लग पाया है. हामटा की पहाड़ी में गुम दिल्ली के युवा ट्रेकर अखिल का शव भी सप्ताह बाद बरामद किया गया था. इसलिए पर्यटकों को पर्यटन विभाग से पंजीकृत ट्रेवल एजेंसियों से ही सुरक्षित ट्रेकिंग करनी चाहिए.

वहीं, एसडीएम मनाली डॉक्‍टर सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि प्रशासन व पर्यटन विभाग देशी-विदेशी पर्यटकों को दिशानिर्देश जारी करता है. कुछ पर्यटक मनमाने तरीके से पहाड़ों की ओर अकेले निकल जाते हैं. ऐसे पर्यटक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. ट्रेकर्स से आग्रह है किया है कि वे दिशानिर्देशों का पालन करें. निर्धारित समय में ही पंजीकृत ट्रेवल एजेंसियों के माध्यम से अनुभवी गाइड के साथ ट्रेकिंग पर जाएं.

ये भी पढ़ें:किन्नौर की पहाड़ियों पर अब नहीं कर सकेंगे ट्रेकिंग, बर्फबारी के बाद लगा प्रतिबंध

ABOUT THE AUTHOR

...view details