लाहौल स्पीतिः लाहौल घाटी में चल रहे स्नो फेस्टिवल कार्यक्रम में गोशाल गांव में यूथ क्लब के सदस्य स्कीइंग प्रशिक्षण शिविर चला रहे थे. इस स्कीइंग प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा की मौजदगी में कार्यक्रम का समापन हो गया.
कई प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
इस दौरान युवाओं ने गोशाल की ढलानों पर स्कीइंग का प्रदर्शन किया. छोलो और रस्साकशी की पुरुष व महिलाओं की प्रतियोगिता सहित बुनाई प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
स्नो फेस्टिवल में चल रहे प्रशिक्षण शिविर का समापन उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने और यहां के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है.
संस्कृति को मौलिक रुप से किया जाना चहिये प्रस्तुत
कार्यक्रम में डॉ. मारकंडा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को मौलिक रूप में ही प्रस्तुत करना चहिये. इसमें हमें पारम्परिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग, पारम्परिक परिधानों पर बल देना चाहिए.
फेस्टिवल में बर्फ से बनीं कलाकृतियां उन्होंने कहा कि फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवलस के प्रत्येक कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है. इसे एक पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से मिल रहा फायदा
साथ ही मारकंडा ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत सरकार होटल या अन्य स्वरोजगार के लिए 25 प्रतिशत अनुदान पर ऋण भी प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त पंकज राय के प्रशासनिक नेतृत्व में लाहौल में स्नो फेस्टिवल एक सराहनीय प्रयास है, जिसे अगले साल और अधिक आकर्षक तरीके से मनाया जाएगा.
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