कुल्लू: जिले की बंजार क्षेत्र की तीर्थन घाटी के मनमोहक नजारों को देखने के लिए हर साल सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. तीर्थन घाटी के साथ-साथ जीभी, सोझा और जलोड़ी दर्रा को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी आने लगे हैं.
तीर्थन घाटी पहुंचे पर्यटक गौरतलब है कि तीर्थन घाटी के प्रमुख केंद्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को वर्ष 2014 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया है. बता दें कि ये नेशनल पार्क भारत के बहुत ही खूबसूरत पार्क में एक है. इस पार्क की विशेषता यहां पाई जाने वाली जैविक दुर्लभता है. इस पार्क में वन्यजीव, परिंदे, भालू, घोरल, जाजू राणा और अन्य जीव-जंतुओं के साथ-साथ वनस्पति औषधि और जड़ी-बूटियां भी मौजूद हैं.
तीर्थन घाटी पहुंचे पर्यटक इसके अलावा इस पार्क की विशेषता ये भी है कि यहां पर वन्य जीवों की ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं, जो पूरे विश्व में दुर्लभ होने की कगार पर हैं. जिसके चलते हर प्रकार के अनुसंधानकर्ता यहां अनुसंधान के लिए आते हैं.
तीर्थन घाटी पहुंचे पर्यटक स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि स्थानीय लोगों ने परंपरागत तरीके से घाटी को सहज कर रखने और इसका संरक्षण करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. घाटी में आकर पर्यटक कैंपिंग, ट्रैकिंग, फिशिंग, रिवर क्रॉसिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि पार्क क्षेत्र के तीर्थन नामक स्थान से निकली तीर्थन नदी में विश्व प्रसिद्ध ट्राउट मछली पर पाई जाती है. अगर सरकार और विभाग इस ओर ध्यान दें तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.