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वर्क फ्रॉम हिल्स के नाम पर निजी घरों में ठहर रहे सैलानी, सरकार को हो रहा नुकसान - himachal pradesh news

हिमाचल में ही कुछ लोगों ने 6 महीने के लिए कई घरों को किराए पर ले लिया है और वहीं से वे अपने ऑफिस व व्यापार संबंधी कामों को पूरा करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वर्क फ्रॉम हिल्स के नाम पर कुछ ट्रैवल एजेंट लोगों को निजी घरों में भी ठहरा रहे हैं. जिससे हिमाचल प्रदेश के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है. गौर है कि जिला कुल्लू के कई ग्रामीण इलाकों में सैलानी वर्क फ्रॉम हिल्स के नाम पर 6 महीने का किराया देकर घरों में रह रहे हैं. ऐसे में सरकार के द्वारा पंजीकृत होटलों के कमरे अभी भी खाली चल रहे हैं.

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Published : Jul 10, 2021, 3:05 PM IST

कुल्लू:बीते माह देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सैलानियों ने हिमाचल की राह पकड़ी थी. वहीं, हिमाचल में ही कुछ लोगों ने 6 महीने के लिए कई घरों को किराए पर ले लिया है और वहीं से वे अपने ऑफिस व व्यापार संबंधी कामों को पूरा करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वर्क फ्रॉम हिल्स के नाम पर कुछ ट्रैवल एजेंट लोगों को निजी घरों में भी ठहरा रहे हैं. जिससे हिमाचल प्रदेश के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है.

मनाली होटल एसोसिएशन (Manali Hotel Association) के अध्यक्ष अनूप ठाकुर का कहना है कि वीकेंड पर सैलानियों की भीड़ कुल्लू के पर्यटन स्थलों पर तो उमड़ रही है, लेकिन होटलों में ऑक्यूपेंसी अभी भी 50% ही है. ऐसे में सैलानियों की भीड़ कहां ठहर रही है. इसके बारे में भी जिला प्रशासन को जानकारी लेनी चाहिए.

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अनूप ठाकुर का कहना है कि देखने में यह आया है कि कुछ ट्रैवल एजेंट बाहरी राज्यों से ही सैलानियों को वर्क फ्रॉम हिल के नाम पर गुमराह कर रहे हैं. ऐसे एजेंट सैलानियों को न तो किसी होटल में ठहरा रहे हैं और न ही किसी पंजीकृत गेस्ट हाउस या होम स्टे में.

ट्रैवल एजेंट जिला के ग्रामीण इलाकों में कुछ घरों को किराए पर ले रहे हैं और वहां पर सैलानियों को ठहराया जा रहा है. ऐसे में सैलानियों की सुरक्षा भी खतरे में नजर आ रही है. अनुप ठाकुर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह से सैलानियों के आने से कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के फैलने की संभावना भी बनी हुई है और इससे सरकार के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है.

अनूप ठाकुर ने जिला प्रशासन (District Administration) से मांग रखी है कि इस तरह से काम करने करने वाले ट्रैवल एजेंटों पर नजर रखें और उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाए. उनका कहना है कि सैलानियों का कुल्लू मनाली आने पर स्वागत है, लेकिन वे सरकार के द्वारा पंजीकृत होटलों या अन्य पर्यटन इकाइयों में ही ठहरें, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा व कोविड-19 का पालन भी हो सके.

गौर है कि जिला कुल्लू के कई ग्रामीण इलाकों में सैलानी वर्क फ्रॉम हिल्स के नाम पर 6 महीने का किराया देकर घरों में रह रहे हैं. ऐसे में सरकार के द्वारा पंजीकृत होटलों के कमरे अभी भी खाली चल रहे हैं.

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