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दिल्ली में हवा 'जहरीली' होने पर पहाड़ों में पहुंचने लगे पर्यटक, सैलानियों से गुलजार मनाली और शिमला - एयर क्वालिटी इंडेक्स

Tourists in Himachal Pradesh: उत्तरी भारत के ज्यादातर राज्यों में एयर पॉल्यूशन बढ़ने के कारण लोगों ने पहाड़ों का रुख करना शुरू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में सैलानी बड़ी संख्या में पहुंच कर साफ हवा का मजा ले रहे हैं. देश की राजधानी में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. इसलिए लोग अब साफ हवा की तलाश में पहाड़ी इलाकों में पहुंच रहे हैं.

Tourists in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में पर्यटक

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 3:48 PM IST

कुल्लू: देश की राजधानी दिल्ली में एयर पॉल्यूशन होने के चलते अब लोग शुद्ध हवा के लिए हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों का रुख कर रहे हैं. बीते दिनों दिल्ली के कई शहरों में 450 के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स मापा गया. वहीं, हवा दूषित होने के चलते निचले इलाकों में लोगों को सांस लेने संबंधी दिक्कतें पेश आ रही हैं. इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली व शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 45 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. ऐसे में अब हिमाचल के पर्यटन कारोबारी ने भी सैलानियों से आग्रह किया है कि वह शांत माहौल में शुद्ध हवा का मजा लेने के लिए हिमाचल का रुख करें. वहीं, दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी इन दिनों एयर पॉल्यूशन बढ़ गया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के कई होटलों में ऑक्यूपेंसी की दर भी 40 से 50 फीसदी हो गई है.

हिमाचल के शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स: देश की राजधानी में एयर पॉल्यूशन अधिक होने के चलते वीकेंड पर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों के बढ़ने की भी उम्मीद बढ़ गई है. हिमाचल प्रदेश के कई पर्यटन स्थलों में अभी भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 माइक्रोग्राम से नीचे चल रहा है. शिमला मनाली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 45 माइक्रोग्राम, परवाणू 49, धर्मशाला 52 और मंडी जिला के सुंदरनगर का 51 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र बद्दी ही एक ऐसा शहर है. जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 माइक्रोग्राम से ज्यादा है. बद्दी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 163 माइक्रोग्राम, पांवटा साहिब का 82, नालागढ़ का 69, काला अम्ब का 61 और डमटाल का 51 माइक्रोग्राम है.

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स:गौरतलब है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा में मौजूद कणों को मापने का जरिया है. जीरो से 50 माइक्रोग्राम के बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अच्छा माना जाता है. 51 से 100 के बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स संतोषजनक, 101 से 200 के बीच का मॉडरेट, 201 से 300 बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब तथा 301 से ऊपर का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर माना जाता है. वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, स्वास्थ्य नली और फेफड़ों तक पहुंचती हैं. जिसके चलते सांस के रोगों की शुरुआत होने का भी डर बना रहता है. धूल के कारण चमड़ी के रोग और आंखों में भी जलन होती है.

मनाली में बढ़ी ऑक्युपेंसी दर: मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि दिल्ली सहित उत्तरी भारत के ज्यादा राज्यों की हवा खराब हो गई है. ऐसे में पर्यटक पहाड़ों पर आकर शुद्ध हवा का मजा ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि मनाली में भी अब ऑक्युपेंसी की दर 40% तक हो गई है. जिसकी आने वाले दिनों में बढ़ने की उम्मीद है.

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