कुल्लू: नववर्ष का जश्न मनाने के लिए देशभर से पर्यटक कुल्लू-मनाली पहुंच रहे हैं. यहां एक बार फिर से रोमांच से भरा रिवर राफ्टिंग का दौर भी शुरू हुआ है. इस कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी रोजगार के द्वार फिर से खुल गए हैं.
पर्यटक न्यू ईयर मनाने पहुंचे कुल्लू-मनाली
कोरोना के चलते रिवर राफ्टिंग के व्यवसाय से जुड़े लोग मंदी की मार झेल चुके हैं, लेकिन अब नव वर्ष मनाने के लिए बाहरी राज्यों के पर्यटक कुल्लू-मनाली पहुंचने लगे हैं. साथ ही वह ब्यास की लहरों में भी अठखेलियां करने में जुट गए हैं. अब इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी आमदनी की आस जगी है. वर्तमान में कुल्लू में 90 से अधिक एजेंसियां जुड़ी हुई हैं. इनमें 288 गाइड भी शामिल हैं.
रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा रहे पर्यटक पर्यटक उठा रहे रिवर राफ्टिंग का आनंद
रायसन, बबेली, बाशिंग, सेउबाग, पिरड़ी व झीड़ी आदि में रिवर राफ्टिंग साइटें पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनी हुई हैं. 360 से अधिक राफ्टें भी इस व्यवसाय से जुड़ी हैं. बबेली में सबसे अधिक राफ्टें हैं. यहां पर 198, पिरड़ी में 134 और रायसन में 31 राफ्टें हैं जबकि 90 से अधिक एजेंसियां भी रोमांच के इस व्यवसाय से जुड़ी हैं.
पर्यटकों की खूब पसंद आ रहा है रिवर राफ्टिंग
बबेली में 53, पिरड़ी में 28 व रायसन में 12 एजेंसियां पंजीकृत हैं. इसमें सबसे अधिक लंबा रूट पिरड़ी से झीड़ी का 14 किलोमीटर का है. यही रूट पर्यटकों का सबसे अधिक पसंदीदा बना हुआ है. इसके अलावा पिरड़ी-भुंतर व रायसन-एलपीएस का रूट है.
पर्यटकों ने मनाली आने पर जताई खुशी
हरियाणा से कुल्लू-मनाली घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि ब्यास नदी में पानी कम है. बहाव कम होने के कारण राफ्टिंग का मजा ही कुछ और है. उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में पानी कम होने से रिस्क कम है और सेफ्टी भी है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में टूरिज्म इंडस्ट्री एडवेंचर गतिविधियां महंगी हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जब वह 2 साल पहले आए थे तब रेट थोड़े कम थे.
पर्यटन कारोबारियों के खिले चेहरे
पर्यटकों ने कहा कि कुल्लू-मनाली में वातावरण बहुत अच्छा है. कुल्लू में पर्यटन गतिविधियां अब शुरू हो गई है. बाहरी राज्यों से पर्यटकों का आना जारी है. ऐसे में न्यू ईयर को लेकर और भी पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में वह रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठाते हैं. रिवर राफ्टिंग के दौरान सरकार के जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है.