कुल्लू: हिमाचल प्रदेश घूमने आ रहे पर्यटक जहां अपनी छुट्टियों का मजा शांत जगह पर लेना चाहते हैं तो वहीं, शांति की तलाश के लिए पर्यटक अब ग्रामीण क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने कच्चे लकड़ी के मकान और शांत बहते झरने पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे हैं. अब पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों की ओर आकर्षित करने के लिए ट्री हाउस भी बनाए जा रहे हैं. पेड़ों पर बने ट्री हाउस शहरों की चकाचौंध से जूझ रहे पर्यटकों को अपनी ओर खींचने लगे हैं. जिसका परिणाम बंजार घाटी में बने ट्री हाउस की बुकिंग से ही पता लगाया जा सकता है.
उपमंडल बंजार के जीभी और तांदी क्षेत्र में स्थानीय पर्यटन कारोबारियों ने पेड़ों पर ट्री हाउस का निर्माण किया है और पर्यटक भी ऊंचे पेड़ों पर रात गुजारने का मजा ले रहे हैं. ट्री हाउस में ही पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं और पर्यटक जमीन से 50 से 70 फुट ऊंचे पेड़ पर बने ट्री हाउस में रहने का मजा ले रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में बंजार के पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटकों को रिझाने के लिए यह तरकीब निकाली है. घाटी के जीभी और तांदी में आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों से रूबरू करवाने के लिए पेड़ पर घर (ट्री हाउस) का निर्माण किया जा रहा है.
देवदार, कायल और चील के पेड़ों पर ट्री-हाउस बनाए जा रहे हैं. ट्री-हाउस पर्यटकों को काफी पसंद भी आ रहे हैं. जीभी और तांदी की तरफ आने वाले पर्यटक ट्री-हाउस में ठहरने के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अब पर्यटकों की रुचि बढ़ते हुए देख कारोबारियों ने और ट्री-हाउसों का निर्माण शुरू कर दिया है. पेड़ पर एक कमरा बनाया जाता है. इसमें जाने के लिए नीचे से रास्ता भी बना है. ऊंचाई से वादियों को निहारने का कुछ अलग ही नजारा होता है. विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (Great Himalayan National Park) भी बंजार घाटी में ही आता है. ऐसे में यह अनूठी पहल सैलानियों को आकर्षित करने में काफी मदद करेगी.