कुल्लू: जिले में बुजुर्ग जहां शराब का सेवन अधिक कर रहे हैं तो वहीं युवा पीढ़ी हेरोइन या चिट्ठे की चपेट में आ चुकी है. जिला कुल्लू के स्वास्थ्य विभाग के नशा मुक्ति केंद्र में इस बात का खुलासा हुआ है और अब नश की लत से तंग आकर युवा पीढ़ी भी अपना इलाज कराने के लिए नशा मुक्ति केंद्र पहुंच रही है.
जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में संचालित नशामुक्ति केंद्र हजारों नशेड़ियों को जीवन प्रदान करने में सफल हुआ है. जो युवा पूरी तरह से नशे के आदी हो चुके थे और अपना घर-परिवार बर्बाद कर रहे थे. नशामुक्ति केन्द्र के प्रभारी डाॅ. सत्यव्रत वैद्य ने कहा कि जिला अस्पताल में वर्ष 2016 में यह केन्द्र पूरी तरह से क्रियान्वित और सक्रिय बनाया गया. तब से लेकर लगातार केन्द्र में नशे की लत में पड़े नौजवानों व प्रौढ़ व्यक्तियों का उपचार कर रहा है.
हजारों लोग नशे के चंगुल से हो चुके हैं आजाद
डाॅ. वैद्य ने कहा कि साल 2019 में केंद्र में 1962 लोगों का सफल उपचार करके उन्हें अपने घर भेजा गया जहां वे आम लोगों की तरह परिजनों के बीच हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 कोरोना काल के दौरान में 1200 से अधिक युवाओं का केन्द्र में उपचार किया गया. लेकिन इनमें कुछ लोग नशे की लत से पूरी तरह आजाद नहीं हो पाए हैं. लेकिन साल 2016 से अभी तक करीब 1600 ऐसे लोग हैं जो नशे के पूरी तरह दूरी बना चुके हैं.
परिजनों से लिया जाता है नियमित फीडबैक
उन्होंने कहा कि केन्द्र में ठीक होने वाले युवाओं व उनके परिजनों से नियमित तौर पर फीडबैक लिया गया है. डाॅ. वैद्य ने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों और आम लोगों से अपील की है कि यदि उनके परिवार में अथवा गांव में कोई व्यक्ति या युवा नशे की लत में पड़ गया है तो हर हालत में उसे क्षेत्रीय अस्पताल के नशामुक्ति केन्द्र तक लाने में सहयोग करें. अस्पताल सदैव उनकी सेवा के लिए तत्पर है और ऐसे भटके हुए युवाओं की केन्द्र में अच्छे से काउंसलिग की जाती है और दवाई भी मुफ्त में प्रदान की जाती है.
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