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ऐसे करें बोर्ड परीक्षा की तैयारी, शिक्षक कल्याण समिति के अध्यक्ष ने छात्रों को दिए टिप्स

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Published : Feb 16, 2020, 4:59 PM IST

हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन धर्मशाला ने भी 2020 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी है. हिमाचल में जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार दसवीं की परीक्षाएं 6 मार्च से 20 मार्च तक और 12वीं की परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च को खत्म होंगी.

teacher welfare committee president gave tips to students for exam
बच्चों को दिए बोर्ड एग्जाम के टिप्स

कुल्लूः देश भर में होने वाली बोर्ड परीक्षा की तैयारियां शुरू हो गई है. हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन धर्मशाला ने भी 2020 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी है. हिमाचल में जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार दसवीं की परीक्षाएं 6 मार्च से 20 मार्च तक और 12वीं की परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च को खत्म होंगी.

2020 की आगामी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए शिक्षक कल्याण समिति जिला कुल्लू के अध्यक्ष श्याम लाल हांडा ने भी छात्रों को तनाव मुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करने के टिप्स दिए हैं. श्याम लाल हांडा का कहना है कि वार्षिक परीक्षा से पहले छात्र नोट्स को जरूर तैयार करें, जिससे उन्हें रिवाइज करने में आसानी हो सके.

उन्होंने कहा कि छात्रों को सबसे पहले जो साल भर में पढ़ाई की है उसे रिवाइज करना जरूरी है और उसके बाद अगर उनके पास समय बचता है, तो वह बाकी के कठिन विषयों की ओर ध्यान दें. अगर वह पहले कठिन विषयों की ओर ध्यान देते हैं, तो साल भर की पढ़ाई पर इसका असर पड़ सकता है. वहीं, वह सुबह और शाम के समय पढ़ाई के लिए समय निकालें और बिल्कुल तनाव मुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करें.

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श्याम लाल हांडा का कहना है कि इस दौरान छात्र अपने माता पिता का भी सहयोग ले और उनके सहयोग के साथ वार्षिक परीक्षा की तैयारी करें. छात्रों को इस समय किसी भी प्रकार का दबाव नहीं लेना चाहिए. अगर वह किसी विषय को लेकर दबाव लेते हैं तो इससे उनकी साल भर की गई तैयारी पर बुरा असर पड़ सकता है.

समिति से जुड़े प्राध्यापक जीत राणा का कहना है कि इस समय छात्रों को अपने खान-पान और आराम का विशेष ध्यान रखना चाहिए. छात्रों को लगातार पढ़ाई नहीं करनी चाहिए और पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में आराम करना भी आवश्यक है.

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वहीं, अभिभावकों को भी चाहिए कि वे छात्रों को अपने अनुसार ही पढ़ाई करने दे. अगर अभिभावकों उन्हें अपने अनुसार पढ़ाना चाहेंगे तो वह भ्रमित हो जाएंगे. जिससे उनकी तैयारी पर भी असर पड़ सकता है.

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