कुल्लू: जिला कुल्लू में मौसम के करवट बदलते ही ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. वहीं, निचले क्षेत्रों में बारिश से पूरा जिला कंपकंपाती ठंड की जकड़ में आ गया है. गुरुवार सुबह मौसम में बदलाव के कारण जिला में ठंड का प्रकोप ओर बढ़ गया है.
बता दें कि नवंबर माह शुरू होते ही ठंड बढ़ जाने से जनजीवन प्रभावित होने लगता है. वहीं, इस बार भी कुल्लू, मनाली, ऊझी घाटी, मणिकर्ण, लगवैली, आनी, बंजार सहित सभी ग्रामीण इलाकों में बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है और ठंड से बचने के लिए लोग पूरा दिन तंदूर, हीटरों के आगे दुबके रह रहे हैं.
वहीं, ग्रामीण लोग सर्दियों से बचने के लिए लकड़ियां एकत्रित करने में जुट गए हैं, जिससे बर्फबारी के दिनों में उन्हें कोई परेशानी पेश न आए. इन दिनों ग्रामीण तंदूर और हीटर लेने के लिए शहर की दुकानों का रुख कर रहे हैं, जहां ग्रामीण 1500 से लेकर 3000 रुपये तक के तंदूरों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं.
वहीं, दूसरी ओर ठंड के बढ़ने से तंदूर बनाने वाले कारीगरों का भी काम बढ़ गया है. शहर में रोजाना तंदूर की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ नजर आ रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी रोजाना तंदूर खरीद कर अपने आप को ठंड से बचाने का इंतजाम कर रहे हैं. गौर रहे कि जिला कुल्लू के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी के बाद जहां लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं, बिजली ना होने के कारण लोग घरों में हीटर आदि नहीं चल पाते हैं और कई क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या के चलते हीटर भी नहीं चल पाते हैं. ऐसे में ठंड से बचने के लिए तंदूर ही एकमात्र उपाय रहता है.
कुल्लू में तंदूर बनाने का कार्य करने वाले दुकानदार प्रवीण का कहना है कि वह काफी समय से तंदूर बनाने का कार्य कर रहे हैं और ठंड बढ़ने का कारण इसकी डिमांड में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि कुल्लू के अलावा लाहौल स्पीति सहित अन्य जगहों पर भी तंदूर की डिमांड बढ़ी है. तंदूर लोगों को ठंड से बचने में काफी मदद करता है और जिन क्षेत्रों में बिजली गुल रहती है. वहां लोगों को तंदूर ही ठंड से राहत प्रदान करता है.
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