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सेब तुड़ान के बाद बगीचों में करें इस दवाई का छिड़काव, बागवानी विभाग ने जारी की सूचना - कॉपर ऑक्सी क्लोराइड

कॉपर ऑक्सी क्लोराइड दवा के छिड़काव से सेब के पेड़ों को कैंकर समेत कई बीमारियों से बचाया जा सकता है और इस दवा का छिड़काव सेब तुड़ान के दो सप्ताह के अंदर करना जरूरी होता है.

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Published : Sep 13, 2019, 1:55 PM IST

कुल्लू: सेब सीजन के तुड़ान के बाद बगीचों में कॉपर ऑक्सी क्लोराइड दवा के छिड़काव से कैंकर समेत कई बीमारियों से निजात मिलती है. विभाग ने बागवानों को सलाह दी है कि समय रहते इस दवाई का छिड़काव अपने बगीचों में कर लें.

सेब के बगीचों में तुड़ान के दौरान कई पौधों की शाखाएं टूट जाती हैं. ऐसे में टहनियों पर जख्म होने से कई रोग पेड़ों पर पनप जाते हैं लिहाजा बागवानों को तुड़ान समाप्त होने के बाद करीब दो सप्ताह के भीतर स्प्रे करनी पड़ती है.

एप्प्ल बेल्ट के निचले इलाकों में सेब का तुड़ान अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभी सेब सीजन अक्तूबर माह तक चलने की संभावना है. बागवानी विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में सेब तुड़ान समाप्त हो चुका है, उनमें बागवान कॉपर ऑक्सी क्लोराइड दवा का छिड़काव जरूर करें.

इस साल कुल्लू जिला में सेब की करीब 80 लाख बॉक्स के उत्पादन की संभावना है. बेहतर फसल होने की सूरत में जिले में सेब के करीब एक करोड़ बॉक्स का उत्पादन होता है. बता दें कि बागवान कॉपर ऑक्सी क्लोराइड 600 ग्राम प्रति सौ लीटर पानी का घोल बनाकर बगीचों में छिड़काव कर सकते हैं.

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