कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के उपमंडल निरमंड में होने वाली श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार काफी कठिन होने वाली है. क्योंकि रास्ता काफी खराब है और दो जगह पर ग्लेशियर भी काफी तेजी से पिघल रहे हैं. ऐसे में इस यात्रा पर जाने वाले लोगों को काफी सावधानी बरतनी होगी. जिला प्रशासन की ओर से एक टीम का गठन किया गया था, जो इस रास्ते का निरीक्षण कर वापस लौट गई है. वहीं, टीम ने अब जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें उन्होंने रास्ते के बारे में भी पूरी जानकारी दी है.
निरीक्षण कर वापस लौटी टीम:दरअसल, यह टीम 22 जून को श्रीखंड के लिए रवाना हुई थी. यह टीम 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन कर वापस लौट आई है. हर साल जिला प्रशासन के द्वारा एक टीम रास्ते के निरीक्षण के लिए भेजी जाती है. वहीं इस बार भी इस टीम ने सभी रास्तों का निरीक्षण किया है. टीम में शामिल सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अबकी बार बर्फ काफी अधिक है और इस बार की यात्रा पिछली यात्राओं से काफी कठिन होगी. इस यात्रा को पूरा करने के लिए 4 ग्लेशियर को पार करना होगा. उसके बाद ही श्रद्धालु श्रीखंड महादेव के दर्शन कर पाएंगे.
शिमला प्रशासन से की जाएगी बात:निरीक्षण करने गए टीम पहले दिन थाचडू तक पहुंच पाई. जहां पर टीम के सदस्यों ने रात्रि विश्राम किया. दूसरे दिन टीम आगे के लिए रवाना हुई और भीम डवारी पहुंची. तीसरे दिन टीम श्रीखंड के लिए रवाना हुई और तीसरे दिन टीम ने काली घाटी में विश्राम किया. वहीं टीम के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जो शिमला जिला से श्रीखंड महादेव जाने वाला रास्ता है. वहां से भी काफी लोग दर्शनों के लिए आ रहे हैं. जो उनकी जान पर कभी भी भारी पड़ सकता है. ऐसे में जिला प्रशासन अब शिमला प्रशासन के साथ बात करेगा. ताकि उस रास्ते से श्रद्धालुओं को न भेजा जाए. बता दें, इससे पहले 4 श्रद्धालु इसी रास्ते में खो गए थे, जिनमें से एक श्रद्धालु की मौत भी हो गई थी.