कुल्लू:सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. श्रावण मास की श्रावण पूर्णिमा अबकी बार 30 अगस्त को मनाई जाएगी. उदया तिथि के अनुसार श्रावण पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त को किया जाएगा और स्नान और दान 31 अगस्त को किया जाएगा. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा का व्रत करने से जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्रमा का दोष होता है, उन्हें उस दोष से मुक्ति मिलती है. चंद्रमा को अर्घ्य देने से उनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में आता है.
पूर्णिमा का व्रत:हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को दोपहर 12:27 से होगी और अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 8:35 तक रहेगी. पूर्णिमा तिथि में शाम की पूजा का विशेष व महत्व है. इसलिए 30 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि का व्रत रखा जाएगा. पूर्णिमा तिथि को लेकर मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही इसी दिन तर्पण आदि करने से व्यक्ति को अपने पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है.
पूर्णिमा का स्नान:पूर्णिमा तिथि का स्नान 31 अगस्त को किया जाएगा. पूर्णिमा का स्नान ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में करने के भी परंपरा है. ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी मनोकामना पूरी होती हैं. वहीं अगर किसी व्यक्ति के पास पवित्र नदी में स्नान करने की व्यवस्था नहीं हो, तो वह अपने घर में पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं.