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Sawan Pradosh Vrat 2023: इस बार का प्रदोष व्रत है खास, महादेव से मिलेगा खुशहाली, उन्नति का आशीर्वाद - प्रदोष व्रत अगस्त 2023

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन का महीना चल रहा है. ये महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. इसी तरह प्रदोष व्रत के दिन भी भगवान शिव की अराधना की जाती है. ऐसे में सावन के महीने में आने वाले प्रदोष व्रत को काफी शुभ माना जाता है. अगला प्रदोष व्रत कब है और देवों के देव महादेव कौन सा आशीर्वाद देंगे, बता रहें हैं आचार्य दीप कुमार (Ravi Pradosh Vrat) (Pradosh vrat kab hai)

प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत

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Published : Aug 10, 2023, 1:31 PM IST

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन के महीने में जहां भगवान शिव की आराधना का विधान है. वहीं प्रदोष व्रत के माध्यम से भी भक्तों को देवों के देव महादेव का आशीर्वाद मिलता है. प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना का विधान है.

कब है प्रदोष व्रत-अगस्त महीन की 13 तारीख को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा और रविवार के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाएगी. रविवार को होने के कारण इसे रवि प्रदोष कहा जाता है. इसी तरह सोम प्रदोष, मंगल प्रदोष आदि दिन के आधार पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत को उस दिन के नाम से जाना जाता है.

13 अगस्त को है रवि प्रदोष व्रत

शुभ मुहूर्त- रविवार 13 अगस्त को सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और 14 अगस्त सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. सावन का महीना और प्रदोष व्रत दोनों ही देवों के देव महादेव को समर्पित होते हैं इसलिये इस प्रदोष व्रत का काफी महत्व है.

प्रदोष व्रत पर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं देवों के देव महादेव

भगवान भोलेनाथ को करें प्रसन्न- हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखा जाता है और शिव भक्त इस दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा अराधना करते हैं. कुल्लू के आचार्य दीप कुमार बताते हैं कि इस दिन भक्तों को भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद मिलता है. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करता है और प्रदोष व्रत रखता है उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है.

सुखी वैवाहिक जीवन का मिलेगा आशीर्वाद- इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. महादेव प्रदोष व्रत पर विशेषकर वैवाहिक जीवन में सुख शांति का आशीर्वाद देते हैं, जिससे जीवन में चल रहा तनाव भी समाप्त होता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को बुरे ग्रहों के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और शाम के समय ही भगवान शिव की पूजा करने का विधान है.

शिव-पार्वती का मिलेगा आशीर्वाद

इस प्रदोष व्रत पर मिलेंगे कई वरदान- रवि प्रदोष व्रत का संबंध सीधा सूर्य से होता है और इस व्रत को करने से चंद्रमा के साथ सूर्य भी भक्त के जीवन में शुभ फल देता है. वहीं चंद्र और सूर्य की शुभता के कारण अन्य ग्रहों के दुष्प्रभाव भी खत्म होते हैं. इसी दिन कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए भी भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर एक मुट्ठी गेहूं अर्पित करने से उन्हें जीवन में उन्नति मिलेगी. वहीं अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो इस दिन घर में मीठा पकवान बनाकर किसी नेत्रहीन व्यक्ति को खिलाएं. पूर्व दिशा की ओर मुख करके आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भी भक्त को आरोग्य और लंबी आयु का वरदान मिलता है.

भगवान शिव के परिवार की करें स्तुति

आचार्य दीप कुमार के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें. उसके बाद शिव परिवार की भी पूजा करें. प्रदोष व्रत के दिन भक्त ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं और भगवान शिव की आरती करने के बाद जागरण कर सकते हैं.

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