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सैंज CHC में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिली तो मुख्यमंत्री को सौंपेंगे बोर्ड: सैंज संयुक्त संघर्ष समिति - सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज

सैंज घाटी की 15 पंचायतों के लोगों बेहतर स्वास्थ्य उपचार के लिए जिला मुख्यालय कुल्लू की दौड़ लगाना पड़ रही है. वजह यह कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. 20 हजार की आबादी को 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद भी मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है.

हिमाचल किसान सभा कुल्लू
हिमाचल किसान सभा कुल्लू

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Published : Dec 14, 2020, 6:39 PM IST

कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी के स्वास्थ्य केंद्र में अगर जल्द ही डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती नहीं हुई तो ग्रामीण सीएचसी के बोर्ड को उतारकर उसे मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सौंपेंगे. स्वास्थ्य कर्मियों के पदों को भरने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन भी किया.

सैंज घाटी की 15 पंचायतों के लोगों बेहतर स्वास्थ्य उपचार के लिए जिला मुख्यालय कुल्लू की दौड़ लगाना पड़ रही है. वजह यह कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. 20 हजार की आबादी को 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद भी मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है.

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चिकित्सकों और पैरामेडीकल के अधिकतर पद खाली

सीएचसी सैंज में चिकित्सकों और पैरामेडिकल के अधिकतर पद खाली हैं और रात्रि को आपातकालीन सेवाएं न मिलने से भी घाटी के लोगों को कोरोनाकाल में भी उपचार के लिए दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है. कहने को तो सीएचसी का दर्जा मिला है, लेकिन एक दशक के बाद भी यहां स्टाफ की भर्ती नहीं हो पाई.

नए भवन को जल्द शुरू करें

पिछले माह सैंज घाटी के तमाम लोगों ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सरकार पर नए भवन और आपात सेवाएं शुरू करने का दबाव भी बनाया, लेकिन स्थिति जस की तस है. वर्षों से अनदेखी का दंश झेल रही घाटी की जनता अब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उग्र होती दिख रही है. एक बार फिर सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन की राह पकड़ने का मन बना लिया है.

सीएचसी सैंज में आपातकालीन सेवाएं बंद

सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा का कहना है कि सीएचसी सैंज में चिकित्सकों सहित स्टाफ के विभिन्न पद खाली हैं, आपातकालीन सेवाएं बंद है. अगर जल्द पड़ नहीं भरे गए तो ग्रामीणों संग मिलकर सीएचसी का बोर्ड उतारा जाएगा और इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा.

गौर रहे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज में एक मेडिकल ऑफिसर, दंत चिकित्सक, लैब टेक्निशियन, एंबुलेंस चालक का पद रिक्त है. अब ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.

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