कुल्लू: उपमंडल बंजार की सैंज घाटी के स्वास्थ्य केंद्र में अगर जल्द ही डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती नहीं हुई तो ग्रामीण सीएचसी के बोर्ड को उतारकर उसे मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सौंपेंगे. स्वास्थ्य कर्मियों के पदों को भरने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन भी किया.
सैंज घाटी की 15 पंचायतों के लोगों बेहतर स्वास्थ्य उपचार के लिए जिला मुख्यालय कुल्लू की दौड़ लगाना पड़ रही है. वजह यह कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. 20 हजार की आबादी को 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद भी मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है.
चिकित्सकों और पैरामेडीकल के अधिकतर पद खाली
सीएचसी सैंज में चिकित्सकों और पैरामेडिकल के अधिकतर पद खाली हैं और रात्रि को आपातकालीन सेवाएं न मिलने से भी घाटी के लोगों को कोरोनाकाल में भी उपचार के लिए दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है. कहने को तो सीएचसी का दर्जा मिला है, लेकिन एक दशक के बाद भी यहां स्टाफ की भर्ती नहीं हो पाई.
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