कुल्लू: लाहुल-स्पीति के लोगों की परेशानियों का समाधान करते हुए बीआरओ ने सर्दियों में रोहतांग टनल को आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया है. बीआरओ ने एक विशेष योजना बनाई है, जिसके तहत सुरंग के द्वार रोजना एक घंटे के लिए खोले जाएंगे. इसी दौरान लोगों को सुरंग से आर-पार करवाया जाएगा. फिलहाल इस योजना को अभी अंतिम रूप देना बाकी है.
बीआरओ ने इस संबंध में एक रिपोर्ट भी तैयार की है इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है. रोहतांग दर्रा बंद हो जाने के बाद जहां लाहौल-स्पीति के लोगों को हवाई सेवा पर ही निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब रोहतांग सुरंग से लोगों की आवाजाही शुरू हो जाने पर लोगों को एक बड़ी राहत मिल सकती है. परियोजना प्रबंधन के साथ लाहौल-स्पीति प्रशासन इस संबंध में जल्द ही एक बैठक भी करने जा रहा है.
बीआरओ के अधिकारी इस योजना को लेकर पूरी तरह मीडिया से दूरियां बनाए हुए हैं, लेकिन बीआरओ के सूत्रों ने इस बात का खुलासा किया है कि रोहतांग टनल से सर्दियों में लोगों की आवाजाही को लेकर विशेष योजना पर काम शुरू कर दिया गया है.
बीआरओ के सूत्रों की माने तो आम लोगों की सर्दियों में रोहतांग टनल से रोजाना आवाजाही को लेकर बनाई जा रही योजना को अभी अंतिम रूप देना बाकि है. लाहौल-स्पीति के विधायक एवं कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय के विदेश दौरे पर होने के चलते इस संबंध में फिलहाल बैठक नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मार्कंडेय भी बीआरओ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और उक्त योजना को अमलीजामा पहनाने की रणनीति तैयार की जाएगी.
बता दें कि चार हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही 8.8 किलो मीटर लंबी रोहतांग सुरंग का 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. प्रदेश सरकार ने सुरंग को देश को समर्पित करने की योजना 25 दिसंबर की बनाई है, लेकिन सर्दियों में लाहुल के लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रख आम लोगों के लिए रोहतांग सुरंग से रोजाना एक घंटा आवाजाही करवाने को लेकर योजना बनाई जा रही है.