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Kullu Flood: ब्यास नदी में बहा रोड, कई घरों पर मंडराया खतरा, NHAI की लापरवाही पड़ी भारी, लोगों में रोष - कुल्लू में ब्यास नदी

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है. कुल्लू जिले में भी ब्यास नदी में आई बाढ़ ने काफी तांडव मचाया है. बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिससे लोगों का संपर्क ही बिलुल टूटा गया है. वहीं एनएचएआई के कार्यों पर भी लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. (Road flowed into Beas River in Kullu)

Road flowed into Beas River in Kullu.
कुल्लू में ब्यास नदी में बहा रोड.

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Published : Jul 27, 2023, 10:48 AM IST

Updated : Jul 27, 2023, 11:27 AM IST

कुल्लू में बारिश के बाद ब्यास नदी में बहे रोड.

कुल्लू: जिला कुल्लू में ब्यास नदी में आई बाढ़ से सैंकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, अब पारला भुंतर से कुटी आगे तक की पूरी सड़क ब्यास नदी में बह गई है. ऐसे में लगभग आधा दर्जन घरों को जाने वाला रास्ता अब खत्म हो गया है. वहीं, अब एनएचएआई की लापरवाही भी ग्रामीणों पर भारी पड़ रही है.

कई मकानों पर मंडराया खतरा:बताया जा रहा है कि एनएचएआई द्वारा फोरलेन तो बना दिया गया, लेकिन क्लवर्ट गलत तरीके से लोगों के घरों व खेतों की ओर मोड़ दिए गए. बीते दिनों फोरलेन सड़क का सारा पानी लोगों के घरों में जा घुसा. जिससे अब लगभग आधा दर्जन मकानों के गिरने का खतरा बन गया है. जिसके चलते लोगों में एनएचएआई प्रबंधन के खिलाफ भारी रोष है.

NHAI पर लोगों का आरोप: छोटा भूईंन और कूटी आगे के ग्रामीणों का कहना है कि पहले ही ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते पूरी सड़क बहकर नष्ट हो गई थी और वह अपने घरों में ही फंस कर रह गए हैं. ऐसे में उन्हें अपने घरों से निकलने के लिए अब दूसरे के घरों के ऊपर से गुजारना पड़ रहा है. वहीं, एनएचएआई द्वारा फोरलेन में कल्वर्ट भी गलत तरीके से लोगों के बगीचों और खेतों में मोड़ दिया गया है.

पारला भुंतर से कुटी आगे तक सड़क ब्यास नदी में बही.

घरों और खेतों में घुसा पानी: ग्रामीणों का आरोप है कि एनएचएआई द्वारा गलत तरीके से क्लवर्ट मोड़ने के कारण सारा पानी लोगों के बगीचों और खेतों में घुस गया. जिस कारण उनकी फसलें भी नष्ट हो गई. खेतों में भी बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं. कल्वर्ट का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है और अब घर गिरने के कगार पर पहुंच गए हैं.

प्रशासन से NHAI पर कार्रवाई की मांग: ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत से यहां पर मकान तैयार किए, लेकिन अब घर गिरने के खतरे के चलते वे अपने घरों को छोड़कर दूसरों के घरों में किराएदार बने हुए हैं. ऐसे में जिला प्रशासन भी इस मामले में एनएचएआई प्रबंधन पर कार्रवाई करें. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर एनएचएआई प्रबंधन को कल्वर्ट सही तरीके से मोड़ा जाना चाहिए, ताकि फोरलेन के पानी से लोगों के घरों को किसी प्रकार का खतरा ना हो.

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Last Updated : Jul 27, 2023, 11:27 AM IST

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