कुल्लूः बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम का कुल्लू जिला में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके चलते जिला की स्थिति देश के अन्य जिलों के मुकावले बहुत बेहतर है और यह एक उदाहरण भी है. यह बात राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डाॅ. आरजी आनंद ने आज जिला परिषद सभागार कुल्लू में बाल संरक्षण मुद्दों पर जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा एवं समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के सदस्य शैलेन्द्र बैहल भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
डाॅ. आनंद ने दी जानकारी
डाॅ. आनंद ने कहा कि बाल सरंक्षण अधिनियम का देशभर में सही कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से आयोग ने दो प्रमुख पहल की हैं. जिनमें ‘संवेदना’ व सहारा योजनाएं शुरू की गई हैं. संवेदना के अंतर्गत टाॅल फ्री नम्बर 8001212830 जारी किया गया है. जिसके माध्यम से बच्चों से जुड़े मामलों की जानकारी दी जा सकती है. काउंसलिंग संवेदना के माध्यम से बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े विभाग व अन्य हितधारक आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्राप्त कर सकते हैं. इसी प्रकार सहारा योजना सीमा सुरक्षा बल के शहीद जवानों के बच्चों के पुनर्वास अथवा काउंसलिग से जुडे़ मामलों के समाधान के लिए चलाया गया है.
आयोग के सदस्य ने कहा कि जिला में संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने की दिशा में काफी अच्छा कार्य किया गया है. संस्थागत प्रसव के कारण शिशुओं की मृत्यु दर में काफी कमी रिकॉर्ड की गई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए हैं.
बाल मजदूरी के मामलों पर गंभीरतापूर्वक चर्चा
डाॅ. आनंद ने बाल मजदूरी के मामलों पर गंभीरतापूर्वक चर्चा की और संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाल मजदूरी के मामलों से निपटने की समूची प्रक्रिया बताई. हालांकि उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि जिला में इस प्रकार के मामले न के बराबर हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई करके इसकी सूचना बाल कल्याण समिति व जिला प्रशासन को दी जानी चाहिए. उन्होंने निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत दाखिला गरीब परिवारों के बच्चों का सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए.