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कुल्लू में बोले रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह- पाकिस्तान व चीन की सीमा पर जल्द पहुंच सकेगी सेना, शिंकुला दर्रे पर बनेगी टनल

शिंकुला दर्रे पर अब जल्द ही टनल का निर्माण किया जाएगा. कुल्लू में रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि 4.1 किलोमीटर लंबी बनने वाली इस टनल पर 1700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. टनल के बनने से पाकिस्तान व चीन की सीमा पर भारतीय सेना जल्द पहुंचेगी. (Retired Brigadier Khushal Singh Thakur PC in Kullu) (Khushal Singh Thakur on Shinkula Tunnel)

Khushal Singh Thakur on Shinkula Tunnel
Khushal Singh Thakur on Shinkula Tunnel

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Published : Feb 21, 2023, 4:04 PM IST

कुल्लू में बोले रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह- शिंकुला दर्रे पर जल्द बनेगी टनल

कुल्लू:जम्मू-कश्मीर और हिमाचल को आपस में जोड़ने वाले शिंकुला दर्रे पर अब जल्द ही टनल का निर्माण किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के द्वारा इस टनल निर्माण को मंजूरी दे दी गई है और यह टनल दुनिया की सबसे ऊंची टनल में शुमार होगी. ढालपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर का कहना है कि इस टनल का निर्माण 16000 फीट की ऊंचाई पर होगा और टनल के बनने से पाकिस्तान व चीन की सीमा पर सेना जल्द पहुंचेगी.

उन्होंने बताया कि इससे पहले सेना को कारगिल जाने के लिए दारचा, नीमू होकर लेह जाना पड़ता था और उसके बाद लेह से कारगिल का सफर तय करना पड़ता था. अब शिंकुला दर्रे पर टनल के बाद 5 घंटे का सफर और कम हो जाएगा. उन्होंने कहा की टनल बनने के बाद 24 घंटे यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू होगी. 4.1 किलोमीटर लंबी बनने वाली इस टनल पर 1700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. उन्होंने कहा कि तनल के बनने से जहां सेना को आसानी होगी इसके अलावा लाहौल से लेकर ले तक पर्यटन गतिविधियां भी पड़ेगी और स्थानीय ग्रामीणों का भी विकास होगा.

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने बताया कि इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के द्वारा सीमा के साथ लगते इलाकों के लिए भी 4800 करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान किया गया है. इस बजट से सीमा के साथ लगते ग्रामीण इलाकों के लिए आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए भी आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा. ताकि सीमावर्ती इलाकों से लोगों का पलायन रुक सके. गौर रहे कि सीमा सड़क संगठन के द्वारा अन्य देशों की सीमाओं के साथ सटे राज्यों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है. ताकि इन इलाकों में ग्रामीण व्यवस्था भी बेहतर बनी रह सके और सामरिक दृष्टि से भी सेना को इन इस इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा मिल सके.

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