कुल्लूःहिमाचल प्रदेश के शहर और मुख्य पर्यटन स्थल अब कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे हैं. वहीं, शहरों में भी पार्कों की संख्या अब घटती जा रही है. ऐसे में शहरों में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. हालांकि कुछ जगहों को पुराने बगीचों को आधुनिक पार्क में भी तब्दील किया जा रहा है, लेकिन बजट और जगह की कमी से अड़चन पैदा हो रही है. शहर कुल्लू के विभिन्न वार्डों की बात करें तो यहां भी हालत ज्यादा बेहतर नहीं है. कुल्लू नगर परिषद में 11 वार्ड हैं और सभी वार्डों में पार्क बनाने की कवायद जारी है.
अमृत योजना से मिल रहा सहयोग
पार्कों के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अमृत योजना से सहयोग मिल रहा है. अमृत योजना के तहत जहां कुल्लू नगर परिषद को विकास कार्यों के लिए 64 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है. वहीं, इस राशि का काफी भाग पार्कों के सौंदर्यीकरण पर भी खर्च किया गया है.
वार्ड 8 और 5 के पार्क हुए मॉडर्न
वहीं, नगर परिषद कुल्लू ने सभी वार्डों में पार्क बनाने का काम शुरू तो किया, लेकिन अभी भी पार्क का काम अधूरा है. इस कारण बुजुर्गों व बच्चों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. कुल्लू नगर परिषद के वार्ड 8 और 5 की अगर बात करें तो यहां पुराने पार्क को काफी आधुनिक रूप दिया गया है.
पार्क में जहां बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं तो वहीं, बुजुर्गों को सैर करने के लिए भी पाथ बनाया गया है. जहां सुबह व शाम बुजुर्ग सैर कर सकते हैं. साथ ही दोपहर के समय बुजुर्ग बेंचों पर बैठकर आपसी चर्चा भी कर सकते हैं.
पार्क के बनने से लोगों को मिली राहत