कुल्लू : भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन आने वाला है लेकिन इस बार तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोगों के मुताबिक रक्षाबंधन 30 अगस्त को है जबकि कुछ के मुताबिक 31 अगस्त को बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी. आखिर क्यों है ये कन्फ्यूजन और कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन ? आइये जानते हैं.
कब है राखी और क्यों है कन्फ्यूजन- वैसे तो रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. जो इस बार 30 अगस्त को है. लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. जिसके कारण राखी बांधने को लेकर बहनों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुल्लू के आचार्य दीप कुमार रक्षाबंधन की तिथि और राखी बांधने के शुभ समय को लेकर सारी कन्फ्यूजन का हल बता रहे हैं.
कब है रक्षाबंधन, 30 या 31 अगस्त ? श्रावण की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. वैसे तो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन होता है लेकिन 30 अगस्त को पूर्णिमा के दिन ही सुबह 10:19 बजे चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर रहेगा. मान्यता है कि भद्रा के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता.
भद्रा का साया- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक भद्रा अलग-अलग राशियों के मुताबिक स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में विचरण करती है. जब ये पृथ्वीलोक पर होती है तो शुभकार्य नहीं होते. जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है. वहीं चंद्रमा के मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक में होने पर भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होता है. वहीं जब चंद्रमा कन्या, तुला, धनु, मकर राशि में होती है तो भद्रा का वास पाताल लोक में होता है. 30 अगस्त को ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा तुला से कुंभ राशि में जा रहे हैं, इसके साथ ही भद्रा का साया पृथ्वीलोक पर होगा.
इस बार राखी पर भद्रा का साया कब बांधे राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक सावन की पूर्णिमा की शुरुआत 30 अगस्त को सुबह 10:58 पर होगी. जबकि इस समय विष्टि करण रहेगा और इसी दिन सुबह 10:19 पर चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर होगा. भद्रा काल 30 अगस्त को रात 9:01 बजे खत्म हो जाएगा और बहनें राखी का त्यौहार मना सकती हैं.
31 अगस्त को भी राखी बांध सकेंगी बहनें 31 अगस्त को भी बांध सकते हैं राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक 30 अगस्त सुबह 10.58 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी लेकिन क्योंकि इस दौरान रात 9 बजकर 1 मिनट तक भद्राकाल रहेगा. इसलिये बहनें अपने भाई को भद्राकाल समाप्त होने के बाद राखी बांध सकती हैं. पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. हालांकि आचार्य दीप कुमार के मुताबिक क्योंकि देशभर में कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए लंबा सफर करके पहुंचती है इसलिये 31 अगस्त को भी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.
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