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कुल्लू में फिर सामने आया जातीय भेदभाव का मामला, अनुसूचित जाति की महिला के शव को श्मशान में दाह संस्कार करने से रोका - वायरल वीडियो

जानकारी के अनुसार घटना मनाली विधानसभा क्षेत्र में फोजल के साथ लगते धारा गांव की है. जहां सवर्ण जाति के कुछ लोगों ने अनुसूचित जाति की महिला के शव को दाह संस्कार सार्वजनिक श्मशान घाट में नहीं करने दिया.

अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव का मामला

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Published : Apr 12, 2019, 7:44 PM IST

कुल्लू: मनाली विधानसभा क्षेत्र के तहत एक अनुसूचित जाति की बुजुर्ग महिला के शव को सार्वजनिक श्मशान घाट में दाह संस्कार रोकने का मामला सामने आया है. मामले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जानकारी के अनुसार घटना मनाली विधानसभा क्षेत्र में फोजल के साथ लगते धारा गांव की है. जहां सवर्ण जाति के कुछ लोगों ने अनुसूचित जाति की बुजुर्ग महिला के शव का दाह संस्कार सार्वजनिक श्मशान घाट में नहीं करने दिया. जिसके चलते मृतका के परिजनों को खुले नाले में ही शव का दाह संस्कार करना पड़ा.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक व्यक्ति श्मशान घाट को दिखाते हुए बताता है कि सार्वजनिक श्मशान घाट होने के बावजूद कैसे अनुसूचित जाति के लोगों को जमींदार लोग देवता का डर दिखा कर उस जगह पर अंतिम संस्कार नहीं करने देते.

अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव का मामला

वहीं, वीडियो में जानकारी देते हुए मृतक महिला का पोता बताता है कि वो ग्रामीणों के साथ शव का अंतिम संस्कार करने शमशान घाट आया था. जहां पर सवर्ण जाति के लोगों ने उसे वहां पर अंतिम संस्कार करने से रोक रोका. उक्त व्यक्ति का कहना है कि जमींदार लोग ये दलील दे रहे थे कि उसकी दादी का अंतिम संस्कार अगर श्मशान घाट में किया गया तो देवता नाराज हो जाएंगे और अगर देवता नाराज होता है तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा. जिसके चलते उन्हें अपनी दादी के शव का संस्कार खुले नाले में करना पड़ा.

सोशल मीडिया में वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने भी अपनी ओर से पड़ताल शुरू कर दी है. डीसी कुल्लू यूनुस का कहना है कि उन्हें अभी तक छुआछूत के बारे में कोई भी शिकायत नहीं मिली है, लेकिन वे अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

गौर हो कि इससे कुछ महीने पहले ही बंजार घाटी में भी फागली उत्सव के दौरान अनुसूचित जाति के युवक के साथ सवर्ण जाति के युवकों द्वारा मारपीट की गई थी. वो मामला भी लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहा. मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई थी.

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