कुल्लू: प्रदेश में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं. इन घटनाओं में अरबों की संपत्ति जलकर राख हो जाती है. इन घटनाओं पर काबू न पाने की वजह है कम फायर स्टेशन और कर्मचारियों की कमी.
आग के कारण करोड़ों का नुकसान
कुल्लू में आग के कारण होने वाला नुकसान करोड़ों रुपयों में है. हालांकि यहां 2 फायर स्टेशन के अलावा 4 फायर पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं. हालांकि कुल्लू की 5 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए मात्र 6 फायर स्टेशन अग्निकांड के दौरान कम साबित होते हैं. इसके साथ सभी फायर स्टेशन में कर्मचारियों की कमी आग में घी डालने का काम कर रही है. अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू, मनाली, पतलीकूहल, लारजी, आनी में फायर स्टेशन की स्थापना की गई है. हर अग्निशमन केंद्र में 5-5 कर्मचारियों की कमी चल रही है.
समय पर नहीं पहुंचती फायर ब्रिगेड
कुल्लू का अधिकतर इलाका गांव में बसता है. ऐसे में अगर कहीं आग लग जाए तो फायर स्टेशन से गाड़ी को मौके पर पहुंचने के लिए ही 2 घंटे से अधिक का सफर तय करना पड़ता है. कई गांव सड़क सुविधा से न जुड़े होने के कारण गाड़िया मौके पर नही पहुंच पाती हैं और आग से करोड़ो की सम्पत्ति जलकर राख हो जाती है. कुल्लू की मणिकर्ण घाटी भी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और यहां ग्रामीण इलाकों में भी काफी मकान बने हुए हैं. ऐसे में इस इलाके में भी फायर पोस्ट का खुलना काफी जरूरी है.
6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जली
अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू में साल 2020 जनवरी से लेकर साल 2021 के 20 मार्च तक अग्निकांड के 110 मामले सामने आए हैं. इनमें मकान की आग के 53 मामले, जंगल की आग के 45 मामले और 12 मामले बचाव कार्य के पेश आए हैं. इसके अलावा 4 लोगों की जलने से मौत भी हुई है. मकान में लगी आग के कारण 6 करोड़ 53 लाख 82 हजार 500 रुपये की सम्पति जलकर नष्ट हो गई है.