कुल्लू: देश के पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का गांव प्रीणी जल्द ही देश का ऐसा गांव बनेगा, जहां पर्यावरण से लेकर आईटी सेक्टर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. प्रीणी के स्कूली बच्चों को भी गांव के स्मार्ट बनने का इंतजार है.देश का पहला स्मार्ट विलेज बनेगा अटल जी का गांव प्रीणी. जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के सहयोग से इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया गया है और देश का पहला स्मार्ट इको टूरिज्म गांव के रूप में विकसित करने के लिए डीपीआर बनाने का भी कार्य शुरू कर दिया है.
देश का पहला स्मार्ट विलेज बनेगा अटल जी का गांव प्रीणी देश का पहला स्मार्ट विलेज बनेगा अटल जी का गांव प्रीणी. ईटीवी भारत हिमाचल प्रदेश की टीम जब स्कूल पहुंची तो छोटे-छोटे स्कूली बच्चे बर्फ के बीच खेल रहे थे. स्कूली बच्चों से स्मार्ट विलेज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी इस पर खुशी जताई. स्कूली बच्चों का कहना है कि प्रशासन की इस पहल से उनका छोटा सा स्कूल भी अब स्मार्ट बनेगा. स्कूल में फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलेगी और उन्हें स्मार्ट क्लास में भी बैठने का मौका मिलेगा. छात्रों का कहना है कि स्कूल व गांव में अत्याधुनिक सुविधाओं के मिलने से उन्हें पढ़ाई में भी आसानी होगी और देश को दुनिया का ध्यान भी प्रीणी गांव की ओर आकर्षित होगा. गांव में यह मिलेगी सुविधाएं सभी वर्गों का समावेशी विकास दीर्घकालिक पर्यटन को बढ़ावा अटल के विचारों और जय विज्ञान के माध्यम से गांव का सामाजिक विकास स्थानीय आवश्यकताओं के लिए वैश्विक साधन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी साहसिक पर्यटन, स्मार्ट हेल्थकेयर सेंसर के साथ स्मार्ट डस्टबिन। गांव का अपना इंसीनेरेटर सौर लाइट और रूफ टॉप सोलर प्लांट गांव के सभी पशुओं में माइक्रो चिप लगेगी ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा बता दें कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल से भी गहरा नाता रहा है. उनका जन्म तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 में हुआ था, लेकिन वो हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे. पर्यटन नगरी मनाली के प्रति लगाव को हर कोई जानता है.
देश का पहला स्मार्ट विलेज बनेगा अटल जी का गांव प्रीणी मनाली के निकटवर्ती गांव प्रीणी में अपना आशियाना बनाने के बाद वाजपेयी कुल्लू जिले को अपना दूसरा घर कहते थे. 1990 में मनाली में बनाया था आशियाना अटल बिहारी वाजपेयी 1962 में मनाली आए थे और उन्हें प्रीणी में ये जगह पसंद आ गई. इसके बाद करीब 1990 में अपना आशियाना सजाया. उनके दामाद निरंजन भट्टाचार्य और बेटी नमिता भट्टाचार्य अकसर प्रीणी आते रहते हैं. घर की देखभाल के लिए एक केयर टेकर रखा हुआ है. वहीं, ग्रामीण प्रेम ठाकुर का कहना है कि सरकार की इस पहल से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. लेकिन इस दिशा में प्रशासन को भी काफी कार्य करना होगा. यह देश का एक ऐसा पहला गांव होगा, जहां पर्यावरण सरंक्षण, फ्री वाई-फाई और सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी. इससे पर्यटकों का भी ध्यान गांव की ओर खिचेगा.